पीडि़ता ने बताया कि वर्ष 2011 में उसके हाथ में चोट आई थी। इसकी मरहम-पट्टी करने आने वाले मेडिकल कर्मचारी व उसके साथी ने पिस्तौल तानकर उससे दुष्कर्म किया। वह इसी साल अप्रैल में भी अपनी शिकायत लेकर सीएम हाउस पहुंची थी, लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं होने के बाद उसने बाहर आकर जहर खा लिया था।
तब जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उसका उपचार किया गया था और न्याय दिलाने का आश्वासन देकर बीकानेर भेज दिया गया था। पीडि़ता ने बताया कि उसे अब तक न्याय नहीं मिला। इस कारण वह फिर सीएम हाउस आई है। उसका आरोप है कि जनसुनवाई के दौरान उसने मुख्यमंत्री तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन अफसरों ने उसे दरवाजे पर ही रोक दिया।
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