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31 दिसंबर 2012

दबंगों के कारण गांव में नहीं घुस पा रहीं सरपंच



 

गंगापुर सिटी/ बामनवास (सवाईमाधोपुर). बामनवास उपखंड की चांदनहोली पंचायत की निर्वाचित सरपंच अपनी ही पंचायत में नहीं घुस पा रही हंै, घर बार और खेती बाड़ी छोड़कर दो महीने से वे अपने पीहर में रह रही हंै। एक दो बार सरपंच और उनके पुत्रों ने गांव में घुसने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें जान के लाले पड़ गए। इन लोगों ने सरपंच को कुएं में डालने का प्रयास किया और उनके पुत्रों को गाड़ी  से कुचलकर मारने की कोशिश की। सरपंच एसपी से लेकर थानेदार तक हर जगह गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन उसकी सुनवाई कहीं नहीं हुई।

मामला बामनवास उपखंड की चांदनहोली पंचायत का है जहां बेवा करणोदेवी सरपंच हंै। ब्लड कैंसर से करणोदेवी के पति की मौत हो गई। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और ग्रामीणों की सहानुभूति से वे चुनाव भी जीत गईं, लेकिन उनका सरपंच बनना उनके परिवार के ही कुछ लोगों को रास नहीं आया।

करणो ने बताया कि दीपावली से पहले राजेंद्र, मेघराज, जगदीश आदि ने घर आकर उनसे मारपीट की और उन्हें कुएं में डालने का प्रयास किया। 17 नवंबर को सरपंच के पुत्र राहुल, विजेंद्र व रविप्रकाश चांदनहोली गए तो आरोपियों ने एक बार फिर उन्हें जीप से कुचलने का प्रयास किया और मारपीट की।

तीनों जान बचाकर भागे तो उन्होंने तीन-चार किमी तक पीछा किया। इतना ही नहीं तीनों पुत्रों का डॉक्टरी मुआयना भी तब हुआ जब पुलिस अपने सरंक्षण में उन्हें लेकर बामनवास अस्पताल गई। 17 नवंबर को बामनवास थाने पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सरपंच एसपी तक से गुहार लगा चुकी हंै, लेकिन पुलिस अभी डेढ़ महीने से जांच ही कर रही है। सरपंच के गांव में नहीं रहने के कारण विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

'मामले को लेकर सरपंच मुझसे मिली थीं। मुझे नहीं लगता कि सरपंच को गांव में घुसने से कोई रोक रहा है। परिवार और गांव के लोगों को सरपंची के काम में उनके पीहर के लोगों का हस्तक्षेप पसंद नहीं है, इसीलिए यह विवाद खड़ा हुआ है।' 

-परमज्योति, पुलिस अधीक्षक, सवाई माधोपुर

इनका कहना है-
दबंगों के खौफ के आगे मैं बेबस हूं और अभी बिछोछ में रह रही हूं। पुलिस भी कोई मदद नहीं कर रही है। मुझे अंदेशा है कि ये लोग मेरे सरपंच पद का भी दुरुपयोग कर रहे हैं।
करणो देवी, सरपंच, ग्राम पंचायत चांदनहोली, बामनवास।
सरपंच कहीं भी रहें यह उनका मसला है लेकिन यह सही है कि पंचायत में दो महीने से विकास के काम बंद पड़े हैं।
तेजराम मीणा, सचिव, ग्राम पंचायत, चांदनहोली, बामनवास।
सरपंच मेरी मां के समान है, हमारी तरफ से उनके गांव में आने जाने पर कोई रोक नहीं है। पहले मैं ही उनकी तरफ से सरपंची करता था लेकिन उन्हें यह पसंद नहीं आया तो मैंने खुद को इससे अलग कर लिया। मैं तो उनकी खेती की भी देखभाल कर रहा हूं, उनके ऐसे आरोपों से मुझे दुख हुआ है।
मेघराज मीणा, सरपंच करणो देवी का रिश्तेदार और मारपीट के मामले में आरोपी।
ऐसा कोई प्रकरण मेरी जानकारी में नहीं आया है, वैसे भी कोई किसी को गांव में नहीं घुसने दे तो यह पुलिस का मामला है, मैं जानकारी करवाता हूं। वैसे ऐसी कई पंचायतें हैं जहां विकास कार्य बंद हैं।
गिरिराज कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, सवाई माधोपुर।
मामले को लेकर सरपंच मुझसे मिली थी लेकिन यह उनका कोई पारिवारिक विवाद है। मुझे नहीं लगता कि सरपंच को गांव में घुसने से कोई रोक रहा है। परिवार और गांव के लोगों को सरपंची के काम में उसके पीहर के लोगों का हस्तक्षेप पसंद नहीं है, इसीलिए यह विवाद खड़ा हुआ है।
परमज्योति, पुलिस अधीक्षक, सवाई माधोपुर।

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