शनिवार को करें इस मंत्र का जप, टल जाएगा हर संकट
हिंदू धर्म ग्रंथों में शनिदेव को न्यायाधीश कहा गया है यानी
मनुष्य के अच्छे-बुरे सभी कर्मों का प्रतिफल शनिदेव उसे प्रदान करते हैं।
यही कारण है कि शनिदेव की साढ़ेसाती या ढैय्या में मनुष्य को अनेक
परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि आप पर भी शनि की साढ़ेसाती या
ढैय्या चल रही है तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से जप करने से शनिदेव
प्रसन्न होंगे और आपके सभी संकट टल जाएंगे।
वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
जप विधि
- प्रति शनिवार सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें।
- इसके बाद शनिदेव की पूजा करें और तेल व काले तिल अर्पित करें।
- इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश का आसन ग्रहण करें।
- तत्पश्चात रुद्राक्ष की माला से ऊपर लिखे मंत्र का जप करें।
- इस मंत्र का प्रभाव आपको कुछ ही समय में दिखने लगेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)