अमृतसर/लुधियाना/पटियाला। पंजाब में पाबंदी के बावजूद चाइनीज
डोर (गट्टू) की बिक्री जारी है। बसंत से दो माह पहले ही इसका कहर शुरू हो
जाता है। यह डोर इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी खतरा बन गई है।
इसकी चपेट में आने से कई लोग घायल हो चुके हैं।
अमृतसर खन्ना, संगरूर और बटाला में तो चार लोगों की मौत भी हो चुकी
है। सैकड़ों पशु पक्षियों की जान भी ले चुकी है। कोई पता नहीं सड़कों पर
लटक रही यह डोर कब किस गला काट दे। यह सब पता होने के बावजूद दुकानदार
मुनाफे के लालच में इसे चोरी छिपे बेच रहे हैं। इस गट्टू ने घरेलू डोर
कारोबार को भी तबाह कर दिया है।
पर्यावरण को भी नुकसान
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के बोटेनिकल एंड एनवायरमेंटल साइंसिज के
एसो. प्रो. आदर्श पाल विज का कहना है कि नायलन व खास किस्म के रसायनों से
बनी इस डोर को जलाने पर घातक गैसें निकलती हैं, जिससे पर्यावरण जहरीला हो
रहा है।
तस्करी कर लाई जा रही
पंजाब में यह डोर दिल्ली व हरियाणा से तस्करी करके लाई जा रही है।
सरकार इस पर रोक लगाने में नाकाम है। कार्रवाई सिर्फ कागजों में ही चल रही
है।
2006 में आई थी पंजाब
पंजाब में चीनी डोर की एंट्री वर्ष 2006 में हुई थी। घरेलू सूत से बनी
डोर इससे काफी महंगी है। इसी के चलते युवा व बच्चे पतंग उड़ाने को इसे ही
खरीद रहे हैं।
ऐसे हो रहे हादसे
पतंग कटने के बाद प्लास्टिक की यह डोर सड़कों, गलियों मे लटकी रहती
है। दिखाई न पड़ने से वाहन सवार इसकी चपेट में आ रहे हैं। पशु भी घायल हो
रहे हैं।
पक्षियों के लिए फंदा
यह डोर पेड़ों और बिजली की तारों पर एक बार उलझ गई तो सालों ऐसे ही
रहती है। प्लास्टिक की होने के चलते यह गलती नहीं है। पक्षियों के पैर
इसमें फंस जाते हैं।
सस्ती बहुत है गट्टू
आधा किलो चाइनीज डोर की कीमत 500 रुपए है। पहले इसकी कीमत 200 से 250 रुपए थी लेकिन पाबंदी के चलते इसकी कीमत दोगुनी हो गई।
घरेलू डोर
आधा किलो सूत से बनी डोर की कीमत करीब ढाई हजार रुपए है। कभी पंजाब में यही डोर बिकती थी लेकिन अब इसकी बिक्री काफी गिर गई है।
गला काट दिया
गुरदासपुर। हनुमान चौक की 15 वर्षीय युवती का चाइनीज डोर ने
गला ही काट दिया। घटना 18 दिसंबर 2012 की है। वह स्कूटी पर ट्यूशन पढ़ने जा
रही थी। रास्ते में लटक रही डोर की चपेट में आ गई।
बिजली संकट भी
नाभा। पावरकॉम के एसडीओ जोगा सिंह के मुताबिक चाइनीज डोर पक्की
होती है। जब यह बिजली की तारों में फंसती है तो बच्चे इसे जोर से खींचते
हैं। झटके लगने के चलते स्पार्किग होने से कई इलाकों की बिजली चली जाती है।
इसे ठीक करने में करीब चार घंटे लग जाते हैं। उन्होंने मांग की कि इस डोर
पर पूर्ण रोक लगाई जाए। एसडीएम पूनमदीप कौर ने कहा कि वह इस पर जल्द
कार्रवाई करेंगी।
सरेआम बिक रही
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)