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13 दिसंबर 2012

गहलोत की नीतिया पूरी सो फीसदी नहीं अगर पचास फीसदी भी लागु हुई तो राजस्थान में रामराज्य होगा और यहाँ विकास का इतिहास बन जाएगा

जी हाँ दोस्तों राजस्थान में सरकार के सुशासन के चार साल और अशोक गहलोत की सरकार बेमिसाल का नारा चल रहा है भाजपा और विपक्ष इसे मुंगेरी लाल के हसीं सपने और सफेद झूंठ कहकर मजाक  उडा रही है लेकिन दोस्तों जरा सोचो ..जरा  समझो  अशोक गहलोत की योजनायें उनकी  घोषणाएं उनके आदेश निर्देशों की पालना में अगर उनके मंत्री ..उनके नोकरशाह उनके वफादार जिन्हें गहलोत ने आयोग और बोर्डों के चेयरमेन बनाकर मंत्री दर्जा दिया है उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ देते उनकी घोषणाओं पर सो फीसदी नहीं तो पचास फीसदी भी अमल करते तो यकीन मानिये राजस्थान भारत का ही नहीं विश्व का एक अनूठा आदर्श राज्य घोषित होता लेकिन अफ़सोस के गहलोत के अपने ही दगा बाज़ है उन्हें धोखा दे रहे है राजस्थान की और कोंग्रेस पार्टी की गलत  तस्वीर उन्हें बता रहे है मंत्री हो चाहे गहलोत के निकटतम समझे जाने वाले बोर्ड कोर्पोरेशन के चेयरमेन हो सभी को फोटू खिंचाने चमचागिरी और चापलूसी करने की होड़ लगी है फिल्ड में उनका काम जीरो जेसा है सर्वे में कुछ एक  अपवादों को छोड़ दें तो यह लोग वार्ड पार्षद भी बन्ने के लायक नहीं है और पिछले दिनों कोंग्रेस के मंथन शिविर में गहलोत ने कहा भी था के कुर्ता पजामा पहन कर खुद को नेता समझने वाले लोग अपने वार्डों में दो लोगों का  काम भी नहीं करवाते है बात सही भी है गहलोत के मंत्रियों में जितेन्द्र सिंह और शान्ति कुमार धारीवाल के आलावा सुशासन की बात कोई नहीं करता है केवल दो मंत्री और अशोक गहलोत राजस्थान की तस्वीर बदलने के कामयाब प्रयासों में लगे है लेकिन यह गिनती के लोग गहलोत के सपनों को पूरा केसे कर सकते है गहलोत के वायदे गहलोत की घोषणाएं तो नोकरशाह पूरा करेंगे उनके द्वारा नियुक्त आयोगों के चेयरमेन पूरा करेंगे और पार्टी के कार्यकर्ता इन्हें जनता तक पहुंचाएंगे ...राजस्थान में नरेगा का मेनेजमेंट गाँव में कोंग्रेस को बढ़त दिलाने के लियें काफी है ..जानवरों के लियें मुफ्त दवा योजना पशुपालकों के लियें वरदान साबित हुई है ..अस्पताल में मुफ्त दवा योजना मरते लोगों के लियें स्वर्ग के सुख का अहसास करा रही है गुर्जर समाज की मांगे बिना किसी लाठी  भाठा जंग के पूरी हो गयीं ...जननी सुरक्षा योजना है फ्लेग शिप योजना है गरीबॉ की योजनायें है अल्पसंख्यकों की कल्याणकारी योजनायें है सरकार को दुबारा भरी बहुमतों से लाने के लियें काफी है लेकिन दोस्तों पेशे से वकील रहे खानदानी जादूगर अशोक गहलोत ने अल्पमत में होते हुए भी बहतरीन सरकार पुरे पांच साल चलाकर दिखाने का जो जादू किया है उससे विरोधी अचंभित है ...इन सब के बावजूद गहलोत के अपने विधायक .अपने मंत्री अपने बोर्ड कोर्पोरेशन के चेयरमेन उन्हें धोखा दे रहे है गहलोत सरकार के दो मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल और जितेन्द्र सिंह के आलावा कोई ऐसा नहीं है जो काम कर रहा हो या काम करना जानता हो ..विधायक तो सरे आम सरकार की आलोचनाएँ करते नज़र आते है ..अब बात करते है गहलोत जी की दया पर बने मंत्री दर्जा रखने वाले चेय्र्मेनों की आवासन मंडल का काम जीरो .......खादी   ग्रामोद्योग का काम जीरो ...राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर का काम अव्य्स्वथित बदनामी वाला .....राजस्थान वक्फ बोर्ड में तो भ्रष्टाचार के कीर्तिमान स्थापित हुए है भीलवाड़ा की मस्जिद बेचने और रूपये लेकर जिला कमेटियां बनाने की शिकायते आम है राजस्थान में वक्फ सम्पत्तियां सुरक्षित नहीं बची है कब्रिस्तान महफूज़ नहीं है ...मदरसा बोर्ड का  हाल देखे तो सभी जानते है मार्च 2012 में सरकार की बजट की घोषणा में दो हजार पर टीचर्स कम्प्यूटर एक हजार पर टीचर्स एक हजार और एक हजार पद रिक्त है लेकिन भर्तियाँ नो माह होने पर भी होना तो दूर अभी तक अख़बार में विज्ञापन भी नहीं दिया गया है पर टीचर्स के मानदेय वृद्धि की पत्रावलिय अटकी पड़ी है ..जनभाव अभियोग की कोटा में एक भी बैठक नहीं हुई है कोटा सम्भाग के लोगों को तो अब यह भी यद् नहीं आता के जन अभाव अभियोग के नाम पर मुख्यमंत्री महोदय के विश्वसनीय लोग नोकर्शाहों पर नकेल डालने का प्रयास कर रहे है ..पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत समितियों का गठन नहीं ...बजट में अल्पसंख्यक विभाग के लियें पद स्वीक्रत लेकिन कर्मचारियों  अधिकारियों की नियुक्ति नहीं .....स्कूलों में गरीब बच्चों को पढ़ने की योजना ..किताबों की योजना लागू नहीं ...अन्य पिछड़ा वर्ग की योजनाये ठप्प पड़ी है ...कुल  मिलाकर एक कडवा सच यही है के गहलोत जादूगर है गहलोत राजस्थान को विश्व का सबसे विकसित राज्य  बनाना चाहते है इसके लियें गहलोत ने योजनाये भी बनाई है गहलोत ने कानून भी बनाये है जनता को अधिकार देने वाले कानून अगर सबसे पहले बने है तो वोह राजस्थान राज्य है गरीबों को जिंदा रखें के लियें आर्थिक  मदद और दवाये देने का कानून अगर है तो वोह राजस्थान में है ..गहलोत पर आज तक कोई भ्रष्टाचार और भैभ्तिजावाद का आरोप भी नहीं लगे है सुशासन पारदर्शिता का नारा बुलंद है अपराधी चाहे गहलोत सरकार का मंत्री ही क्यों न रहा हो उसे जेल भेजने में और मंत्री पद से हटाने के साहसिक कार्यों में गहलोत नम्बर वन साबित हुए है लेकिन दुःख तो इस बात का है के उनका सपना सार करने वाले उनकी योजनाये उनकी घोषनाये ..  लागू करने वाले नोकर शाह मंत्री और उनके द्वारा बनाये गए चेयरमेन गहलोत को धोखा दे रहे है गहलोत की मुखबिरी व्यवस्था भी अभी फेल है उन्हें वोह दिखाया जा रहा है जो सच नहीं है ..गहलोत के समर्थक कुछ एक अपवादों को  छोड़ दे तो उन्हें धोखे में रख रहे है लेकिन अगर गहलोत आज भी सम्भाल जाए मक्कारों को घर का रास्ता दिखा दे खुद आयोग और बोर्डों की कार्यशेली मंत्रियों के कामकाज जनता में उनकी पेठ का लेखा जोखा देखे क्या खोया क्या पाया का हिसाब किताब लें तो बस नय्या पर हो जायेगी राजस्थान बच जाएगा ..गहलोत की नीतिया पूरी सो फीसदी नहीं अगर पचास फीसदी भी लागु हुई तो राजस्थान में रामराज्य होगा और यहाँ विकास का इतिहास बन जाएगा ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

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