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15 दिसंबर 2012

षड़यंत्र हुआ फेल, बड़े धमाके से दहल सकता था अजमेर!




नागदा/अजमेर.समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट के आरोपी दशरथ चौहान को एनआईए दिल्ली की टीम ने शनिवार सुबह नागदा से गिरफ्तार किया। उस पर 5 लाख रु. का इनाम था। दशरथ पर मई 2007 में हैदराबाद की मक्का-मदीना मस्जिद में विस्फोट का भी आरोप है। दशरथ ने खुलासा किया है कि उन्होंने इस साल जयपुर में दीपावली मनाने की योजना बनाई थी। 
 
उसका और उसके साथियों का इरादा इसी साल अजमेर में बड़ा बम ब्लास्ट करने का था, लेकिन किसी कारण षड्यंत्र सफल नहीं हो पाया। पूछताछ के दौरान एनआईए की टीम के समक्ष दिए गए बयान मंे दशरथ को अपराध का कोई मलाल नहीं था। 
 
उसने कहा-पाकिस्तान के आतंकवादी जब चाहें भारत में हत्या कर चले जाते हैं। हमने जो किया उसका कोई मलाल नहीं। मैंने अपना फर्ज निभाया, पुलिस अपना फर्ज निभाए। दशरथ देपालपुर के धाकड़ सेरी गारी मोहल्ला का निवासी है। उसके दोस्त उसे राजेंद्र व समंदर के नाम से भी जानते हैं। 
 
शनिवार को गिरफ्तारी के बाद दशरथ को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। जहां एनआईए की टीम को 48 घंटे के लिए ट्रांजिट वारंट पर चंडीगढ़ पंचकुला ले जाने को कहा गया। उसे सोमवार को चंडीगढ़ की कोर्ट में पेश किया जाएगा।
 
धमाके में 68 लोग मारे गए थे
 
19 फरवरी 2007 को दिल्ली से अटारी (पाकिस्तान) जा रही समझौता एक्सप्रेस में पानीपत (हरियाणा) के शिवा गांव के समीप धमाका हुआ था। इसके लिए चार बड़े विस्फोटक दो कोचों में रखे गए थे। दशरथ के अनुसार चार में से दो बम ही फटे थे। 
 
विस्फोट पाकिस्तान के विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की भारत यात्रा से एक दिन पहले हुआ था। इसमें 68 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि 13 लोग घायल हुए थे। इनमें ज्यादातर पाकिस्तान थे। 
 
पांच साल से घर नहीं पहुंचा
 
पुलिस सूत्रों के अनुसार दशरथ कट्टर हिंदूवादी है। समझौता ब्लास्ट के बाद उसने दो साल में नर्मदा परिक्रमा भी की। दशरथ समझौता ब्लास्ट की घटना के बाद से घर नहीं पहुंचा है। जानकारी के मुताबिक उसकी एक बेटी है, जिसका चेहरा भी उसने नहीं देखा। पिता विक्रम, पहलवान रह चुके हैं। 
 
कमल से मिले थे सुराग 
 
एनआईए टीम को दशरथ के समझौता ब्लास्ट में शामिल होने की जानकारी इसी साल फरवरी में पकड़े गए कमल चौहान से मिली। कमल भी देपालपुर का रहने वाला है। इन्होंने  साध्वी प्रज्ञा, सुनील जोशी, संदीप डांगे और रामजी कालसांगरा के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। प्रज्ञासिंह को महाराष्ट्र पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है। विस्फोट में रामप्रसाद पंवार का नाम भी जुड़ा था, जिसकी हत्या कर दी गई।

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