बाला साहब ठाकरे का जन्म पुणे में 23 जनवरी 1926 को हुआ था। प्यार से उन्हें 'हिन्दू ह्रदय सम्राट' भी कहा जाता था।
राजनीति में बेहद लोकप्रीय और दिग्गज मने जाने वाले इस नेता ने अपने
कैरियर की शुरुआत एक कार्टूनिस्ट के तौर पर की थी। द फ्री प्रेस जर्नल वह
पहला अखबार था जिसमें उन्होंने सबसे पहले काम किया। हालाँकि 60 के दशक में
उनके कार्टून टाइम्स ऑफ़ इंडिया के संडे एडिशन में भी छपे। 1960 में
उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और अपना खुद का कार्टून वीकली 'मार्मिक' शुरू
किया। बाल ठाकरे की राजनीतिक विचारधारा उनके पिता केशव सीताराम ठाकरे से
काफी प्रभावित थी।
भाषा के आधार पर महाराष्ट्र को एक अलग राज्य बनाने वाले आन्दोलन
'संयुक्त महाराष्ट्र मूवमेंट' के अग्रणी नेता केशव सीताराम ठाकरे बेहद
लोकप्रिय नेता थे। उन्होंने महाराष्ट्र में गुजरातियों, मारवाड़ियों और
उत्तर भारतीयों के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ जमकार विरोध किया। 1966 में बाल
ठाकरे ने शिवसेना के नाम से राजनीतिक दल का गठन किया। अपनी विचारधारा को
लोगों तक पहुँचाने के लिए उन्होंने 1989 में 'सामना' नामक अखबार की शुरुआत
की।
1995 के चुनाव के बाद शिवसेना-भाजपा गठबंधन पहली बार सत्ता में आई। इस
दौरान बाला साहब ने सरकार में न रहते हुए भी उसके सभी फैसलों को प्रभावित
किया। इस दौरान उन्हें रिमोट कंट्रोल का नाम दिया गया।
1996 में बाल ठाकरे को दो बड़े सदमों से गुजरना पड़ा। 20 अप्रैल 1996 को
उनके पुत्र बिंदुमाधव की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई जबकि, इसी साल
सितम्बर में उनकी पत्नी मीना का हार्ट अटैक के बाद निधन हो गया।
28 जुलाई 1999 में इलेक्शन कमीशन की अनुशंसा के बाद बाल ठाकरे को छः
साल के लिए चुनाव लड़ने और वोट डालने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।
सांस लेने में तकलीफ के बाद 25 जुलाई 2012 को उन्हें मुंबई के लीलावती
अस्पताल में दाखिल किया गया था। इसके बाद से लगातार उनकी सेहत में गिरावट
जारी है।
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