आपका-अख्तर खान

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13 नवंबर 2012

जिन्दों के लियें तो सभी करते है यहाँ भाई रफ़ीक और मोहम्मद हुसेन अपनी टीम के साथ मुर्दों के लियें कुछ ख़ास करने की कोशिशों में जुटे है खुदा उन्हें कामयाब करे

दोस्तों कहते है के हर इंसान को म़ोत का मज़ा चखना है और मर कर मिटटी में मिल जाना है इसके लियें इस्लाम में कब्रिस्तानों का इन्तिज़ाम है ...वेसे तो हमारे देश ..हमारे राजस्थान और खासकर कोटा में कब्रिस्तानों के हालात इतने बुरे है के लोगों की आँखों में आंसू आ जाते है ....अप सभी जानते है के कब्रिस्तानों पर अतिक्रमण और इनके कब्जे छुडाने के मामले में गोपालगढ़ हुआ और ऐसे ना जाने कितने काण्ड हुए जिसमे निर्दोषों की जाने गयी है ....एक मुसलमान की जिंदगी का  पढाव और वहां जब इंसान जाये तो उबड़ खाबड़ जमीन .....पेड़ झाड़ियाँ ..कीड़े मकोड़े ...कीचड़ ही कीचड़ ...अतिक्रमण कारियों का बोलबाला ना अन्दर घुसने की जगह न जनाज़ा रखने की जगह ना नमाज़ पढने का स्थान और ना फातिहा ख्वानी के लियें कोई जगह मिलती है ..जो कब्रिस्तान है वहां अधिकतम तो इस्लाम के सिद्धांतों के  खिलाफ पक्की कब्रें बना दी गयी है और कही तो देखते देखते म्जारात बनते जा रहे है ..कुल मिलाकर यह हालात सदियों से है ..लेकी सरकारें ..आम मुसलमान ...वक्फ बोर्ड ने इस तरफ कभी झांक कर भी नहीं देखा है केवल कब्र खोदने वाला .कब्रिस्तान  इंचार्ज कभी कभार इस मामले में आवाज़ उठता है वोह भी उसके फायदे के लियें जो लोग दफन कफन में जाते है बस एक दिन इस बारे में चर्चा करते है और फिर घरों पर जाकर सो जाते है ..सच तो यह है के खुद वक्फ बोर्ड और जिला कमेटियों को पता नहीं के कब्रिस्तान कितने है ..कहा कहा हैं और इन की हद बंदी सीमाएं क्या क्या है ..खिन बुलडोज़र फिरते है तो  कही गंदा पानी कब्रों की बेहुरमती करता है लेकिन यह मेरी कोम के लोग है इन्हें दर्द है मेरी कोम का बढ़े आराम के साथ और इसी बहाने पीते है कोफ़ी हुक्काम के साथ अकबर इलाहबादी की यह सोच सही थी ..सभी मुस्लिम लीडरों ने काम कम और हाकिमों नेताओं की चमचागिरी चापलूसी क्सिदागिरी ज्यादा करी है ........लेकिन दोस्तों कोटा में अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी के भाई रफ़ीक बेलियाँ .....समाज सेवक मोहम्मद हुसेन ..अल्मदाद ..आप और हम ..ह्युमन रिलीफ सोसाइटी सहित कई दर्जन संस्थाओं के लोगों ने अब कब्रिस्तानों के हालातों को बदलने की थान ली है और यह लोग खुद हाथों में डरती ..कुल्हाड़ी ..फावड़े तगारियां लेकर कब्रिस्तानों की हालात बदलने के लियें निकल पढ़े है ...भाई रफीक बेलियम ...भाई मोहम्मद हुसेन सहीद कई दर्जन लोग है ऐसे जो कोम के नाम पर सियासत से नफरत करते है और समस्या का समाधान केसे हो उस पर भरोसा करते है बस इसी सोच के चलते कोटा के अब तक तीन कब्रिस्तानों में कार सेवा ह्जो चुकी है और अब जिला वक्फ कमेटियों सहित मुस्लिम लीडरशिप से जुड़े लोगों को भी शर्म आने लगी है और वोह इस कम में जुड़ने लगे है ...में शाबासी देना चाहता हूँ भाई रफ़ीक बेलियम ...भाई मोहम्मद हुसेन और सभी लोगों को जो इस कम को गेर राजनितिक तरीके से अंजाम दे रहे है इंशा अल्लाह खुदा उन्हें कामयाब करे और सरकार सहित वक्फ बोर्ड और जिला कमेटियों को अल्लाह सद्बुद्धि दे ताके पुरे राजस्थान ही नहीं पुरे हिंदुस्तान में यह मुहीम चले और मरने वालों को जिंदगी में अगर सुकून नहीं मिला तो कमसे कम मरने के बाद तो उनकी रूह को सुकून मिले एक बार फिर युवा कोंग्रेसी भाई मोहम्मद हुसेन ....भाई रफ़ीक बेलियम ..आबिद अब्बासी सहित सभी लोगों को मुबारकबाद शुक्रिया ...अख्तर खान अकेला कोटा  राजस्थान

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