कोलकाता. एशियाड में गोल्ड मेडल जीत कर देश का मान बढ़ाने वाली
पिंकी प्रमाणिक के पुरुष साबित होने के बाद विवाद और बढ़ गया है। मेडिकल
एक्सपर्ट्स ने पिंकी पर रेप के आरोप लगाने वाली पुलिस पर सवाल उठाए हैं।
पिंकी के डीएनए टेस्ट से उसके पुरुष होने की पुष्टि हुई है। लेकिन उसकी
मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एथलीट 'डिसऑर्डर ऑफ सेक्सुअल
डेवलपमेंट' (DSD) से पीडित है। (पिंकी प्रमाणिक का हुआ लिंग परीक्षण, MMS हुआ लीक)
जानकारों का कहना है कि 'XY क्रोमोजोम कॉम्बिनेशन' के बावजूद पिंकी को
पुरुष नहीं कहा जा सकता है क्योंकि ऐसे मरीज सेक्स करने में अक्षम होते
हैं। इस मामले की जांच में शामिल मेडिकल पैनल के सदस्य कौशिक मंडल ने एक
अखबार से बातचीत में कहा, 'पिंकी पर रेप करने का आरोप लगाना गलत होगा।
हालांकि क्रोमोजोम के हिसाब से पिंकी पुरुष है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि
पिंकी पुरुष है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एथलीट DSD से पीडित है और ऐसे
मरीजों को पुरुष नहीं कहा जा सकता है।' (पिंकी प्रमाणिक को रेप केस में फंसाने वाला है सेक्स रेकेट हिस्ट्रीशीटर!)
स्त्री रोग विशेषज्ञ गौतम खस्तगीर कहते हैं कि पिंकी के शरीर में
शायद 'इंटरनल टेस्टिस' है जो पूरी विकसित नहीं हुआ है लेकिन उसके शरीर में
योनि या गर्भाशय नहीं है। इस आधार पर पिंकी को पूरी तौर पर पुरुष नहीं कहा
जा सकता है। पुरुषों में पाए जाने वाले हार्मोन्स और उसके क्रोमोजोम्स की
वजह से उसका स्वभाव आक्रामक हो सकता है लेकिन उसकी सेक्सुअल पहचान अब भी
संदेह के घेरे में है। ('पूर्व एथलीट सिकदर के पति के कहने पर पिंकी को फंसाया')
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