जयपुर.हाईकोर्ट ने सूचना आयुक्तों के पदों पर नियुक्ति नहीं
होने और भर्ती प्रक्रिया में रिटायर्ड हाईकोर्ट जज को शामिल नहीं करने के
मामले में सरकार से कहा कि वह सूचना आयुक्त की भर्ती कर रही है या चपरासी
की।
मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश एनके जैन की खंडपीठ ने
शुक्रवार को प्रकाश शुक्ला की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी
की। खंडपीठ ने महाधिवक्ता को सोमवार को अदालत में जवाब देने को कहा है।
हाईकोर्ट ने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सूचना आयुक्त के पद पर
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को पात्र माना है, लेकिन सरकार ने पद की गरिमा
गिरा दी है।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि सूचना आयुक्त के पद पर
नियुक्ति के विज्ञापन से लगता है कि यह एलडीसी पद के लिए है न कि आयुक्त
पद के लिए। ऐसे में कोई भी स्वाभिमानी आदमी इस पद के लिए आवेदन नहीं करेगा।
याचिका में लंबे समय से सूचना आयुक्तों के पदों पर नियुक्ति नहीं होने को
चुनौती देते हुए कहा कि अहम पद खाली रहने से आयोगों में काम नहीं हो रहा।
सुनवाई के दौरान सरकार ने सूचना आयुक्तों के पदों पर भर्ती की
विज्ञप्ति जारी की और रिटायर जिला व सेशन न्यायाधीश को पात्र माना था। बाद
में 26 अक्टूबर को विज्ञप्ति में संशोधन कर बीस साल वकालत वाले वकीलों व
समाजसेवियों को भी पात्र माना, लेकिन हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को नहीं।
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