नई दिल्ली. कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को बिना किसी औपचारिक
पद के भी स्वाभाविक नंबर दो बताने के बाद कांग्रेस अब उनके नेतृत्व में
चुनावी मोड में जाती नजर आ रही है। इस बार उन्हें ही नेता प्रोजेक्ट कर
लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी है। माना जा रहा है कि यह कांग्रेस के
'युवराज' राहुल की 'असली ताजपोशी' की तैयारी है। बचे हुए डेढ़ साल के समय
में पार्टी और सरकार लगातार बैठकें और चिंतन के साथ कार्यकर्ताओं को ऊर्जा
से भरने का प्रयास करेंगे। सरकार में फेरबदल के तुरंत बाद निजी तौर पर
मंत्रियों को परफार्मेंस और घोषणा-पत्र के वादों को पूरा करने का एजेंडा
थमाने के बाद प्रधानमंत्री ने गुरुवार को सामूहिक रूप से मंत्रियों को
सरकार का एजेंडा समझाया। वहीं पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में
फैसले के तुरंत बाद कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने पार्टी के भावी
एजेंडे का खुलासा करते हुए कहा कि पार्टी 4 नवंबर की रैली के तुरंत बाद 9
नवंबर को संवाद बैठक करेगी। इसमें सरकार और पार्टी दोनों के शीर्ष
प्रतिनिधि होंगे। पार्टी ने कहा कि इसके बाद चिंतन बैठक भी होगी लेकिन अभी
इसका समय तय नहीं है।
चरणबद्ध तैयारी
बड़ी रैली 4 को : किसान और युवाओं पर फोकस, एफडीआई, भ्रष्टाचार और साख पर होगी बात। कड़े आर्थिक फैसलों पर सफाई।
9 नवंबर संवाद बैठक : सरकार और पार्टी साथ-साथ बैठकर अधूरे वादों को
पूरा करने पर करेंगे बात। यह भी तय होगा कि लोगों का दिल जीतने का एजेंडा
कैसे आगे बढ़े।
चिंतन बैठक भी होगी : तिथि अभी तय नहीं।
सबसे बड़ी योजना : राहुल गांधी का नंबर दो की स्थिति का औपचारिक ऐलान कभी भी। उनके नेतृत्व में ही अगला लोकसभा चुनाव।
राहुल पर पार्टी : महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि वे स्वाभाविक
तौर पर नंबर दो हैं। उन्होंने एक कहावत का जिक्र किया कि जो सो रहा है उसे
तो जगाया जा सकता है, लेकिन जो सोने का बहाना कर रहा हो उसे नहीं जगा सकते।
राहुल पहले से नंबर दो हैं यह सबको पता है।
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