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09 नवंबर 2012

20 सालों से घायल पंछियों के लिए मसीहा बना है ये 'सन ऑफ सरदार'



लुधियाना।  20 साल पहले मेरे कमरे के पंखे से टकराकर चिड़िया घायल हो गई। मैं उसे उठाकर डॉक्टर के पास ले गया। डॉक्टर ने कहा यहां जानवरों का इलाज होता है पक्षियों का नहीं। मन में सवाल उठा कि फिर घायल पक्षियों को कहां ले जाया जाए। इसी के साथ शुरू हो गया पक्षी बचाओ मिशन। आज की ही बात करें तो 82 घायल पक्षी मेरे घर में मौजूद है। यह कहना है पक्षी सेवा समिति के विपिन भाटिया का।  
 
वन विभाग से पहले समिति को फोन 
 
जिले के किसी भी हिस्से में पक्षी घायल हो तो लोग वन विभाग की बजाए पक्षी सेवा समिति को ही फोन करते हैं। भाटिया का भी जनून ऐसा कि कपड़े के कारोबार में से समय निकालकर रोजाना 6 घंटे इसी कार्य को देते हैं। अंगहीन पक्षियों को दिल्ली चांदनी चौक के दिगंबर मंदिर या फिर होशियारपुर के पक्षी विहार भेज दिया जाता है। 
 
बच्चे भी करते हैं मदद
 
विपिन भाटिया के दोनों बच्चे भी पक्षियों की इस सेवा में हाथ बटाते हैं। 20 साल पहले एक छोटी सी घटना से शुरू हुई पक्षी सेवा समिति आज 120 सक्रिय सदस्यों वाली समिति बन गई है।

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