जयपुर.हिजरी सन 1434 का आगाज 16 या 17 नवंबर से होगा। जौहरी
बाजार जामा मस्जिद में हिलाल कमेटी की बैठक में 15 नवंबर को चांद देखकर
इस्लामी नए साल के आरंभ का निर्णय किया जाएगा।
हिलाल कमेटी के कन्वीनर चीफ काजी खालिद उस्मानी के मुताबिक 15 को चांद
दिखा तो 16 नवंबर को मोहर्रम के पवित्र महीने से नए साल की शुरुआत होगी।
चांद नहीं दिखा तो मोहर्रम 17 नवंबर से शुरू होगा। इस्लाम में वर्ष के चार
महीनों में मोहर्रम, रमजान, शव्वाल और जिलहिज को इबादत और बरकत का माना गया
है।
जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के पूर्व सचिव हाजी अनवर शाह बताते हैं
कि मोहर्रम के महीने में यौम-ए-आसुरा (दसवां दिन) को पवित्र माना गया है।
इस दिन सृष्टि की रचना हुई थी और आसमान से बारिश की पहली बूंद गिरी थी।
हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में मोहर्रम
की दस तारीख को ताजिए निकलेंगे। यौम-ए-शहादत के इस महीने में हुसैन के नाम
के फ़ातिहा पढ़े जाएंगे। मोहर्रम की सात तारीख से छोटे—छोटे ताजिए निकालना
शुरू हो जाएंगे। दस तारीख को ताजियों का जुलूस निकलेगा।
हाजियों की वापसी कल से
हजयात्रा-2012 में गए हाजियों की वापसी रविवार रात से होगी। फ्लाइटों
का शिड्यूल भी बदला गया है। नए टाइम टेबल के अनुसार पहली फ्लाइट अब देर रात
2:45 बजे जयपुर पहुंचेगी। पहले यह फ्लाइट रात 12:30 बजे आनी थी। सभी
फ्लाइटें रात में आएंगी।
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