इंदौर। झाबुआ जेल में 10 माह से बंद महिला कैदी के गर्भवती होने
के मामले में एमवाय हॉस्पिटल प्रशासन ने अब एक और मोड़ दे दिया है। महिला
की दो जांचें की गई थीं एक में उसे गर्भवती बताया, जबकि दूसरी में कहा गया
था कि गर्भ नहीं है। एमवाय की दो अलग-अलग रिपोर्ट पर झाबुआ कलेक्टर, राज्य
महिला आयोग सहित कई स्तरों पर जवाब मांगे थे। उसके बाद एमवाय प्रशासन ने
हाल ही में मामले को नया मोड़ दे दिया। सूत्रों के मुताबिक उसने जवाब में
कहा है कि पहली जांच होने से पहले ही उसका गर्भपात हो गया था, चूंकि तब तक
गर्भ के लक्षण थे। लिहाजा, पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी। दूसरी रिपोर्ट
आने तक गर्भपात को लंबा समय गुजर गया था, इसलिए वह रिपोर्ट निगेटिव आई। यह
जवाब एमवाय प्रशासन ने झाबुआ प्रशासन को भेजा है।
एमवाय के नए जवाब के बाद अब महिला आयोग भी झाबुआ जेल में महिला के गर्भवती होने और गर्भ गिराए जाने के बिंदु पर जांच कर रहा है। इस मामले में जब महिला आयोग की इंदौर की प्रभारी अधिकारी स्नेहलता उपाध्याय से बात की तो उन्होंने गर्भपात पर तो कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन यह जरूर कहा कि आयोग द्वारा की जा रही जांच में यह बिंदु भी शामिल है।
एमवाय के नए जवाब के बाद अब महिला आयोग भी झाबुआ जेल में महिला के गर्भवती होने और गर्भ गिराए जाने के बिंदु पर जांच कर रहा है। इस मामले में जब महिला आयोग की इंदौर की प्रभारी अधिकारी स्नेहलता उपाध्याय से बात की तो उन्होंने गर्भपात पर तो कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन यह जरूर कहा कि आयोग द्वारा की जा रही जांच में यह बिंदु भी शामिल है।
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