आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

22 अक्तूबर 2012

बुधवार को इन मंत्रों से करें दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन, जानिए शुभ मुहूर्त



 

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी दशहरे (इस बार 24 अक्टूबर, बुधवार) के दिन माता दुर्गा की प्रतिमा का विधि-विधान पूर्वक विसर्जन किया जाता है। कहीं-कहीं नवमीं की शाम को ही विसर्जन करने की परंपरा भी है। विसर्जन के पूर्व माता भगवती तथा जवारों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है-

विसर्जन के पूर्व भगवती दुर्गा का गंध, चावल, फूल, आदि से पूजा करें तथा इस मंत्र से देवी की आराधना करें-

रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।

पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।

महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।

आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।



इस प्रकार प्रार्थना करने के बाद हाथ में चावल व फूल लेकर देवी भगवती का इस मंत्र के साथ विसर्जन करना चाहिए-

गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।

पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।

इस प्रकार विधिवत पूजन अर्चन करने के बाद दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन कर देना चाहिए लेकिन जवारों को फेंकना नही चाहिए। उसको परिवार में बांटकर सेवन करना चाहिए। इससे नौ दिनों तक जवारों में व्याप्त शक्ति हमारे भीतर प्रवेश करती है। माता की प्रतिमा, जिस पात्र में जवारे बोए गए हो उसे तथा इन नौ दिनों में उपयोग की गई पूजन सामग्री का श्रृद्धापूजन विसर्जन कर दें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...