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22 अक्तूबर 2012

महानवमी पर ऐसी श्रीयंत्र पूजा बना देगी दौलतमंद



धन या पैसा जीवन की अहम जरूरतों में एक है। आज तेज रफ्तार के जीवन में कईं मौकों पर यह देखा जाता है कि युवा पीढ़ी चकाचौंध से भरी जीवनशैली देखकर प्रभावित होती है और बहुत कम वक्त में ज्यादा कमाने की सोच में गलत तरीके भी अपनाती है। जबकि धन का वास्तविक सुख और शांति सच्चाई व मेहनत से की गई कमाई में ही है। ऐसा कमाया धन आत्मविश्वास के साथ रुतबा और साख भी बढ़ाता है।

धर्म में आस्था रखने वाला व्यक्ति ऐसे ही तरीकों में विश्वास रखता है। इसलिए मातृशक्ति की आराधना के आखिरी दिन यहां बताया जा रहा है एक ऐसा ही उपाय, जिसको अपनाकर ज़िंदगी में किसी भी सुख से वंचित नहीं रहेंगे और धन का अभाव कभी नहीं सताएगा। यह उपाय है श्रीयंत्र पूजा।

धार्मिक नजरिए से लक्ष्मी कृपा के लिए की जाने वाली श्रीयंत्र साधना संयम और नियम के लिहाज से कठिन होती है। इसलिए यहां आसान तरीके से बताई जा रही है श्रीयंत्र पूजा, जिसे कोई भी सामान्य व्यक्ति भी अपनाकर सुख और वैभव पा सकता है। सरल शब्दों में यह पूजा मालामाल बना देती है। श्रीयंत्र पूजा की आसान विधि कोई भी भक्त नवरात्रि या उसके बाद भी शुक्रवार या प्रतिदिन कर सकता है।

श्रीयंत्र पूजा के पहले कुछ सामान्य नियमों का जरूरी ध्यान रखें -

- ब्रह्मचर्य का पालन करें और ऐसा करने का बखान न करें।

- स्वच्छ वस्त्र पहनें।

- सुगंधित तेल, परफ्यूम, इत्र न लगाएं।

- बिना नमक का आहार लें।

- प्राण-प्रतिष्ठित श्रीयंत्र की ही पूजा करें। यह किसी भी मंदिर, योग्य और सिद्ध  ब्राह्मण, ज्योतिष या तंत्र विशेषज्ञ से प्राप्त करें।

- यह पूजा लोभ के भाव से न कर सुख और शांति की कामना से करें। श्रीयंत्र पूजा की इस विधि से करें। इसे किसी योग्य ब्राह्मण से भी करा सकते हैं-

- सुबह स्नान कर एक थाली में श्रीयंत्र स्थापित करें।

- इस श्रीयंत्र को लाल कपड़े पर रखें।

- श्रीयंत्र का पंचामृत यानि दुध, दही, शहद, घी और शक्कर को मिलाकर स्नान कराएं। गंगाजल से पवित्र स्नान कराएं।

- इसके बाद श्रीयंत्र की पूजा लाल चंदन, लाल फूल, अबीर, मेंहदी, रोली, अक्षत, लाल दुपट्टा चढ़ाएं। मिठाई का भोग लगाएं।

- धूप, दीप, कर्पूर से आरती करें।

- श्रीयंत्र के सामने लक्ष्मी मंत्र, श्रीसूक्त, दुर्गा सप्तशती या जो भी श्लोक आपको आसान लगे, का पाठ करें। किंतु लालच, लालसा से दूर होकर श्रद्धा और पूरी आस्था के साथ करें।

- अंत में पूजा में जाने-अनजाने हुई गलती के लिए क्षमा मांगे और माता लक्ष्मी का स्मरण कर सुख, सौभाग्य और समृद्धि की कामना करें। श्रीयंत्र पूजा की यह आसान विधि नवरात्रि में बहुत ही शुभ फलदायी मानी जाती है। इससे नौकरीपेशा से लेकर बिजनेसमेन तक धन का अभाव नहीं देखते। इसे प्रति शुक्रवार या नियमित करने पर जीवन में आर्थिक कष्टों का सामना नहीं करना पड़ता।

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