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19 अक्तूबर 2012

टूटे दिल की परियाद लेकर आशिक पंहुच रहे हैं भगवान के दर पर




लुधियाना. जब इंसान को कोई रास्ता नजर न आए तो वह भगवान के दर पर जाता है। भगवान के पास औलाद, धन संपदा, सेहत और कोठी बंगले के लिए भक्तों की डिमांड तो पहुंचती ही रही है, अब दिल के मारों की फरियाद भी पहुंचने लगी हैं। डिमांड भी जुबानी नहीं बल्कि रिटर्न में हो रही है।

दिल के मारे जब मंदिरों में जाते हैं, तो वहां भगवान के आगे सिर झुकाने के साथ ही गोलक में चुपके से भगवान के नाम एक चिट्ठी डाल देते हैं। इन चिट्ठियों में अपने एकतरफा प्रेम को परवान चढ़ाने की फरियाद होती है।
शहर के कई प्रमुख मंदिरों में जब भी चढ़ावा गिनने के लिए गोलकों को खोला जाता है, तो उनमें से नोटों के साथ-साथ भगवान को लिखी ऐसी कुछ चिट्ठियां भी निकल रही हैं।
गीता मंदिर विकास नगर के महासचिव प्रदीप ढल्ल के मुताबिक कई बार  गोलक खोलने पर उसमें से पर्चियां निकलती हैं। इन पर्चियों में भगवान से मन्नतें पूरी करने की फरियाद होती है।
ज्यादातर मन्नतें औलाद या सुख संपदा को लेकर होती हैं। मगर अब कुछ पर्चियां ऐसी भी निकलती हैं, जिनमें प्रेमिका को पाने की गुहार लगाई गई है।

एग्जाम्स की भी चिट्ठियां
गोविंद गौधाम के चेयरमैन सुंदर दास धमीजा के मुताबिक उनके यहां गोलक से भगवान को लिखी चिट्ठियां निकलती हैं। कुछ ऐसी होती हैं जिसमें प्रेमिका का प्यार पाने की गुहार की जाती है।
परीक्षाओं में गोलक से निकलने वाली चिट्ठियां बढ़ जाती हैं। पर्चियों में विद्यार्थियों की ओर से परीक्षा में सफलता के लिए भगवान से फरियाद की जाती है।

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