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09 अक्तूबर 2012

जानिए ज़िंदगी के किन लक्ष्यों को पाने के लिए पढ़ें कौन सा वेद?




दुनिया के इतिहास में वेद सबसे पुराने धर्मग्रंथ माने जाते हैं। ज्ञान रूपी वेद चार प्रकार के बताए गए हैं - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। यह धर्म, अध्यात्म, प्राणी-प्रकृति को जोडऩे वाले अद्भुत ज्ञान से भरे है। आम जन के लिए यह देव उपासना के मंत्रों के पुरातन ग्रंथ मात्र है, किंतु बहुत कम लोग यह जानते हैं कि चारों वेदों के मंत्र, स्तुति आदि मानव जिंदगी के लिए कुछ खास मकसद को पूरा करने के ज्ञान उजागर करते हैं।

हर वेद की मानवीय जिंदगी के लिए भी खास अहमियत है। यहां जानिए कौन-सा वेद मानवीय ज़िंदगी के नजरिए से किन लक्ष्यों के पूरा करने का ज्ञान देता है।

ऋग्वेद - आत्मशांति, धर्म भाव, कर्तव्य पालन, प्रेम, तप, दया, उपकार, उदारता, सेवा भाव के लिए ऋग्वेद अहम है।

यजुर्वेद - बहादुरी, पराक्रम, पुरुषार्थ, साहस, वीरता, पद, प्रतिष्ठा, विजय, आक्रमण और रक्षा की दृष्टि से यजुर्वेद महत्वपूर्ण है।

सामवेद- मनोरंजन, संगीत, साहित्य, इन्द्रिय सुख या इसका चिन्तन, शौक, संतोष, सक्रियता, कल्पना के लिए सामवेद का महत्व है।

अथर्ववेद - अन्न, धन, वैभव, सभी भौतिक सुख यानि घर, वाहन आदि सुखों के लिए अथर्ववेद अहम माना गया है।

इस तरह अध्यात्म हो या विज्ञान हर नजरिए से हर मानव के जीवन में इच्छाएं, जरूरतें या लक्ष्य आदि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को पाने में ही सीमित है। चार वेद इन पुरुषार्थों को पाने के लिए ज्ञान की अलग-अलग धारा है। इसलिए इनको पाने के लिए ही ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास आश्रम का महत्व बताया गया। ज्ञान रूपी इन चार शक्तियों की माता गायत्री को माना गया और चार वेद उनके पुत्र माने जाते हैं।

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