उदयपुर.परंपराओं से हट कर मिसाल पेश करने वाली दो बेटियां पिता
की मौत के बाद सात साल तक मां का सहारा बनी रहीं। इन्होंने न सिर्फ आखिरी
वक्त तक मां की सेवा की, बल्कि जब सांस उखड़ी तो मां की अर्थी को कंधा दिया
और मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज भी निभाया।
धानमंडी क्षेत्र के धोली बावड़ी क्षेत्र में भंवरी बाई (86) पत्नी रूप
सिंह भाटी का रविवार को निधन हो गया। बीमार भंवरी बाई की अर्थी को बेटी
सीता कुंवर और सुमित्रा कुंवर ने कंधा दिया तो शवयात्रा में शामिल लोगों की
आंखें भी भर आईं।
यही नहीं, जब बड़ी बेटी सीता कुंवर ने चिता को मुखाग्नि दी तो समाज
लोगों के गले रुंध गए और आंखें झरने लगीं। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार रूप
सिंह की मृत्यु सात साल पहले हो गई थी। इसके बाद दोनों बेटियां ही मां की
देखरेख कर रही थीं।
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