नई दिल्ली. रोमांस को मधुर परिभाषाएं और फिल्मों को वैभवीय भव्यता देने वाले यश चोपड़ा ने दुनिया से विदा ले ली।
लीलावती अस्पताल की तमाम आधुनिक चिकित्सीय सुविधाएं भी भारत की इस महान
हस्ती को बचाने में नाकाम रही। यशराज स्टूडियो और उनके घर के फव्वारे में
पल रहे डेंगू के मच्छरों को उनकी मौत का कारण माना जा रहा है। (
यश चोपड़ा की मौत ने हमारा ध्यान एक बार फिर डेंगू की ओर कर दिया है।
लेकिन अगर यश जी की मौत के बाद हमारा ध्यान डेंगू पर गया है तो फिर स्थिति
गंभीर है क्योंकि इस साल अब तक अकेले मुंबई में 650 से अधिक और दिल्ली में
700 से अधिक डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। अगर बात पूरे भारत की की जाए
तो अब तक 17 हजार से अधिक डेंगू के मरीज देश में सामने आ चुके हैं। सोमवार
को ही दिल्ली में डेंगू के 33 नए मरीज सामने आए। देश में इस साल अब तक 100
से अधिक मौते डेंगू से हो चुकी हैं।
डेंगू के बारे में एक गलतफहमी यह है कि यह गंदगी भरे इलाकों में
ज्यादा होता है लेकिन मुंबई और दिल्ली में 60 फीसदी से अधिक डेंगू के मामले
पॉश कॉलोनियों में सामने आए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि डेंगू का
मच्छर साफ पानी में ही जन्म लेता है। घर के अंदर लगे मनी प्लांट, फव्वारों,
कूलर आदि में भरा पानी इसके पैदा होने के लिए आदर्श जगह होता है। डेंगू का
मच्छर 50 मीटर से 200 मीटर तक ही उड़ान भर पाता है इसलिए ज्यादातर मच्छर
मरीजों के घर में ही पनपते हैं और पड़ोसियों पर हमला करने की उनकी संभावना
बेहद कम होती है।
डेंगू से आम लोगों को ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि जरा सी
सावधानियों से डेंगू से पूरी तरह बचा जा सकता है और यदि डेंगू हो भी गया है
तो सही वक्त पर सही इलाज से यह पूरी तरह ठीक भी हो सकता है। भारत में
डेंगू के एक प्रतिशत से भी कम (.65) मामलों में मरीजों की मौत होती है।
वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों के
निदेशक डॉ. धारीवाल के मुताबिक बचाव ही डेंगू का सबसे बड़ा इलाज है। वो
कहते हैं, 'भारत में डेंगू के एक प्रतिशत से भी कम मामलों में मरीजों की
मौत होती है, ऐसा तब होता है जब वक्त पर इलाज नहीं मिल पाता। पूरे बदन को
ढकने वाले कपड़े पहनकर, अपने घर, दफ्तर और आसपास के इलाके को साफ-सुथरा
रखकर डेंगू से पूरी तरह बचा जा सकता है। यदि डेंगू का कोई भी लक्षण दिखाई
दे तो तुरंत अस्पताल में जाएं, वक्त पर इलाज मिलने से डेंगू के 99.5
प्रतिशत से अधिक मरीज ठीक हो जाते हैं।'
BAHUT HI MAHTWAPURNA JANKARI HAI.
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