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17 अक्तूबर 2012

चिल्लर टाइप हैं मुझ पर लगे आरोप, राजनीति चमका रहे हैं केजरीवालः गडकरी


 

 
 
नई दिल्‍ली।  अब तक कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप लगाने वाले अरविंद केजरीवाल ने अब भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी पर किसानों की जमीन हड़पने के आरोप लगाए हैं। वहीं स्वयं पर लगे आरोपों पर सफाई पश करते हुए गडकरी ने कहा है कि उन्होंने जमीन हड़पी नहीं है बल्कि जमीन उन्हें लीज पर मिली है। 
 
स्वयं पर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए नितिन गडकरी ने कहा, 'मैंने कोई भी गैर कानूनी काम नहीं किया है। हम पर लगाए गए आरोप भाजपा को बदनाम करने की साजिश है। मैं लगातार महाराष्ट्र के किसानों के हितों के लिए काम करता रहा हूं। हमारे समूह का उद्देश्य किसानों की उपज को बढ़ाना है। जिस सिंचाई घोटाले की बात यह लोग कर रहे हैं उसका पर्दाफाश भाजपा ने ही किया है। अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी को चमकाने के लिएयह घटिया आरोप लगाए हैं। मैंने कम से कम दस हजार ग्रामीण युवाओं को सीधे फायदा पहुंचाया है। मैं जो कर रहा हूं वो मेरा व्यवसाय नहीं है बल्कि यह मेरे जीवन का मिशन है।' 
 
गडकरी ने आगे कहा, ''किसान कर्ज मुक्त हों और उनका जीवन बेहतर बने इसके लिए हम को-आपरेटिव काम करते हैं। लेकिन को-आपरेटिव सेक्टर में राजनीतिक हस्तक्षेप होता है इसलिए हमने प्राइवेट लिमिटेड मॉडल पर यही काम किया। जमीन पूर्ति समूह की एनजीओ को मिली है। सरकार ने यह जमीन अधिग्रहित की थी। जमीन बेकार पड़ी थी। यह जमीन हमें लीज पर मिली है और हम यहां से गन्ने की दस लाख पौध तैयार करते हैं और फिर उसे किसानों को दे देते हैं। सरकार ने अनेक स्थानों पर ऐसी जमीनें चैरिटेबल संस्थाओं को दी हैं।' 
 
 
गडकरी न आगे कहा, 'मुझ पर लगे आरोप बहुत चिल्लड़ हैं। अरविंद केजरीवाल के आरोप विपक्ष का स्थान हथियाने की साजिश है। कांग्रेस के खिलाफ माहौल बना है, इसका फायदा भाजपा को न हो इसलिए कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर यह षडयंत्र रचा है। मैं किसी भी प्रकार की जांच के लिए हमेशा तैयार हूं।' 
 
सुषमा स्वराज ने कहा, 'पिछले कई दिनों से मीडिया में यह माहौल बनाया जा रहा था कि भाजपा के खिलाफ बहुत जल्द ही भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा किया जाएगा। पहले यह खुलासा 10 तारीख को होने था। और अंततः आज यह  खुलासा हो ही गया। मीडिया ने कहा- किस पर पड़ेगा 'केजरीबम'। मीडिया ने माहौल को सनसनीखेज बनाया लेकिन प्रेस कांफ्रेंस के बाद मीडिया को निराशा ही हाथ लगी। हम बहुत प्रसन्न है क्योंकि हमे मालूम है कि वो कितना भी कोशिश कर ले लेकिन कुछ निकाल नहीं पाएंगे। लेकिन बहुत ज्यादा प्रयत्न करने के बाद भी वो भाजपा अध्यक्ष पर एक भी आरोप नहीं लगा सके। अपनी प्रेस कांफ्रेंस के मंच को उन्होंने राजनीतिक मंच में बदल दिया। देश की हर पार्टी पर उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए। सिर्फ उन्होंने अपने लिए वोट नहीं माना वर्ना यह प्रेस कांफ्रेंस एक चुनावी रैली होती।'
 
गड़करी पर किसानों की जमीन हड़पने के आरोपों पर सफाई देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, 'पूरी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने अपने आरोपों को अंजलि दमानिया के उस झूठे बयान पर केंद्रित करने की कोशिश की जिसमें गडकरी ने कहा था- 'हम चार काम उनके करते हैं और वो चार काम हमारे।' लेकिन वो बहुत कोशिश करके भी तीन आरोप ही लगा सके। नितिन गडकरी पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया लेकिन यह जमीन गडकरी को नहीं बल्कि उनकी ट्रस्ट को मिली है। पूर्ति स्मृधि सिंचन कल्याणकारी समीति वहां गन्ने का पौध उगाते हैं और फिर उसे विदर्भ के किसानों को दान में देते हैं। वो पौध विदर्भ में 13 रूपये का मिलता है जिसे गडकरी 5 रूपये की सब्सिडी पर देते हैं। उन्होंने नितिन गडकरी के पावर प्लांट पर किसानों की सिंचाई पीने का आरोप लगाया लेकिन सच्चाई यह है कि गडकरी के पावर प्लांट को एक प्रतिशत से भी कम पानी मिलता हैं। हमारी पार्टी का पूरा नेतृत्व और कैडर नितिन जी के पीछे हैं। इस प्रेस कांफ्रेंस से आईएसी की विश्वसनियता पर सवाल खड़े हुए है। अनर्गल आरोप लगाने की कोशिश करने वाली यह प्रेस कांफ्रेंस फ्लॉप साबित हुई है।'  सुषमा स्वराज ने यह भी साफ किया कि इन आरोपों के बाद बीजेपी आईएसी के खिलाफ मानहानि का कोई मामला दर्ज नहीं करेगी बल्कि राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी। 
 
वहीं अरुण जेटली ने कहा- 'आज की प्रैस काफ्रेंस भाजपा और कांग्रेस के नैतिक स्तर को को बराबर करने की एक नाकाम कोशिश थी। उनका प्रमुख उद्देश्य कांग्रेस और भाजपा को एक बराबर खड़ा करना था। लेकिन अब कुरेदने से भी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष पर कोई आरोप साबित नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने बिना राई के ही पहाड़ खड़ा करने की कोशिश की।' 
 
जेटली ने आगे कहा- सिविल सोसायटियों की समाज को जरूरत होती है लेकिन इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने ऐसी संस्थाओं की ही विश्वसनियता समाप्त कर दी है। उन्होंने आज अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार ली है। 
 
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने केजरीवाल द्वारा नितिन गडकरी पर लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा-'आज संगीन इल्जाम भाजपा और भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी पर लगाए गए हैं। जब हम पर इल्जाम लगाए गए तब भाजपा जश्न मनाती थी और बिना सच को देखे-परखे उनकी आवाज में आवाज मिलाती थी। आज जब उन पर यह इल्जाम लगाए जा रहे हैं तब भाजपा की जिम्मेदारी यह बनती है कि वो देश को सच बताए। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता बिना सही-गलत को जाने सभी इल्जामों को सच मान लेते थे, अब हम पहला मौका भारतीय जनता पार्टी को देते हैं कि वो इन पर सफाई देश को दे।'
 
वहीं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अरविंद केजरीवाल की तीखी आलोचना की। अरविंद केजरीवाल के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा- 'यह निष्कासित व्यक्ति है, अन्ना जी ने ठोक-ठका के इसे बाहर निकाल दिया है, यह खुद अन्ना के साथ घोटाला कर चुका है। इस देश में नेता बनने की बीमारी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गाली देकर नेता बनों। तुम्हें कौन जानता है, किसने तुम्हें चुना है। देश के नेताओं को अब इसे जेल में ठुंसवा देना चाहिए।' 
 
इससे पहले बुधवार शाम पांच बजे दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में मीडिया से बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी इस देश की विपक्षी पार्टी है या फिर उसकी सत्ताधारी पार्टियों के साथ राज्यों में और केंद्र में सांठगांठ हैं। नितिन गडकरी किसके हितों का प्रधिनित्व करते हैं। गडकरी का बहुत बड़ा व्यावसायिक साम्राज्य है। क्या उनके व्यापारिक हित विदर्भ के किसानों के हितों के विरोध में हैं। क्या महाराष्ट्र के अंदर गडकरी के व्यापार किसानों की कीमत पर हो रहे हैं। क्या विदर्भ में किसानों की आत्महत्या की वजह नितिन गडकरी के व्यवसाय हैं। 70 हजार करोड़ रुपये खर्च हो गए लेकिन किसानों का कोई फायदा नहीं हआ। महाराष्ट्र हाईकोर्ट में पीआईएल भी फाइल की गई लेकिन कुछ नहीं हुआ।'
 
अरविंद ने कहा-'हमारी आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि दमानिया द्वारा इकट्ठा किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के लिए नितिन गडकरी के व्यापारिक हित जिम्मेदार हैं। महाराष्ट्र सरकार नितिन गडकरी के हितों का ध्यान रख रही है।'
 
अरविंद ने कहा कि किसानों से बांध के लिए अधिग्रहित की गई करीब 100 एकड़ जमीन  महाराष्ट्र सरकार ने नितिन गडकरी को गैरकानूनी रूप से दे दी। अरविंद ने यह भी कहा कि यह जमीन किसानों ने सरकार से वापस मांगी थी लेकिन किसानों को जमीन देने के बजाए जमीन नितिन गडकरी को दे दी गई। अरविंद केजरीवाल ने नितिन गडकरी पर किसानों की जमीन पर कब्जा करने का भी आरोप लगाया।  जिस वक्त यह सब हुआ उस वक्त अजित पंवार महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री थे। 
 
अरविंद ने यह भी कहा कि किसानों की जमीन की सिंचाई के लिए बनाए गए बांध का सारा पानी नितिन गडकरी की कंपनियों को दिया जा रहा है। 
 
अरविंद ने कहा कि महाराष्ट्र में 71 पॉवर प्लांट प्रस्तावित हैं। यदि यह पॉवर प्लांट बने तो फिर किसानों को पानी नसीब नहीं हो पाएगा। महाराष्ट्र में एक चलन यह बन गया है कि एक ओर बांध बनता है और दूसरी ओर नेताओं की कंपनियां खड़ी हो जाती हैं। 
 
अरविंद केजरीवाल ने नितिन गडकरी से सीधा सवाल करते हुए कहा कि गडकरी बताएं कि वो एक व्यापारी हैं या फिर राजनेता हैं? 
 
अरविंद केजरीवाल ने सभी पार्टियों के नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा, 'हरियाणा में वाड्रा किसानों की जमीन लूट रहे हैं तो महाराष्ट्र में नितिन गडकरी किसानों की जीम हड़प रहे हैं। दोनों पार्टियों के चोटी के नेता देश के किसानों की जमीन लूटने में लगे हुए हैं। दुख की बात यह है कि जब हमने वाड्रा के बारे में खुलासा किया था तब शरद यादव उनके बचाव में सामने आ गए थे। शरद जी एनडीए के संयोजक हैं। अखिलेश यादव ने भी उनका बचाव किया। हमे पता था कि वाड्रा गांधी परिवार के दामाद है लेकिन जिस तरह शरद यादव और अखिलेश यादव उनके बचाव में आए इससे साबित होता है कि रॉबर्ट वाड्रा सभी के दामाद है। सुषमा स्वरजा, अरुण जेटली, रॉबर्ट वाड्रा, मायावती, अखिलेश यादव, सोनिया गांधी, कपिल सिब्बल सभी एक ही परिवार से जुड़े हैं। सरकार किसी की भी हो ठेके सबकी कंपनियों को मिलते हैं, पॉवर प्लांट सभी के लगते हैं।' 
 
अरविंद ने आगे कहा- हम जानते हैं कि इस मामले में भी सरकार कोई जांच नहीं करवाएगी। लेकिन हम देश की जनता के सामने इन लोगों का सच लाना चाहते हैं। देश को लोग डरे हुए हैं और हम यह खुलासे करके देश के लोगों को व्यवस्था परिवर्तन के खिलाफ तैयार करना चाहते हैं। हम भाजपा या सरकार से कोई मांग नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ देश के लोगों से मांग कर रहे हैं कि जागृत हो जाएं और अपने हितों के लिए लड़े। 
 
वहीं अन्ना हजारे की एक सहयोगी ने अरविंद केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस से पहले अंजलि दमानिया को ही सवालों के घेरे में खड़ा किया। कुछ अन्ना समर्थकों ने अरविंद केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस में हंगामा भी किया।

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