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05 सितंबर 2012

संसदीय सचिव के स्वप्न में आए भगवान, ऐसा क्या कह गए कि देना पड़ा इस्तीफ़ा!



 

जयपुर.संसदीय सचिव राजेंद्र सिंह विधूड़ी ने सरकार पर गुर्जरों को आरक्षण देने में बेवजह ढिलाई बरतकर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेजा और सरकारी वाहन व स्टाफ भी लौटा दिया। मुख्यमंत्री ने देर रात तक इस्तीफा मंजूर नहीं किया था।

इस्तीफा भेजने के बाद अपने निवास पर मीडिया से बातचीत में विधूड़ी ने कहा कि भाजपा सरकार की तरह कांग्रेस सरकार भी आरक्षण पर गुर्जरों को धोखा दे रही है। अब तक न तो आरक्षण दिया और न ही देवनारायण बोर्ड का गठन किया गया है। सरकार कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला सहित ऐसे आंदोलनकारियों से समझौता करती है जो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। गुर्जर समाज के साथ राजनीतिक और प्रशासनिक भेदभाव हो रहा है। समाज की लड़ाई लड़ने के लिए इस्तीफा दिया है और किसी भी कीमत पर वापस नहीं लूंगा।

भगवान देवनारायण ने सपने में ऐसा करने को कहा

बिधूड़ी ने कहा- मेरे सपने में सोमवार रात भगवान देवनारायण आए और कहा कि मेरी झूठी कस्में खाकर जिन नेताओं ने समाज से धोखा किया, उन सबको मैंने हरवा दिया। भोली भाली कौम के साथ अन्याय हो रहा है।

तुम उठो और पद त्यागकर अपनी कौम का साथ देने के लिए मैदान में उतरो। भगवान देवनारायण के साथ मुझे उनकी माता साढू मां के दर्शन भी हुए और उन्होंने भी मुझे समाज के हक की लड़ाई जीतने का आशीर्वाद दिया। इसके बाद मेरी नींद खुल गई, इसके बाद तुरंत उठा और इस्तीफा लिखकर रात में ही मुख्यमंत्री को भिजवा दिया।

समाज के हितैषी हैं तो इस्तीफा दें डॉ. जितेंद्र और कसाना :

उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय 2003 में डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुर्जर आरक्षण का विरोध किया था। आज वे गुर्जर आरक्षण पर सरकार के साथ मध्यस्थता करने वाले कौन होते हैं? अगर समाज हित देखते हैं तो डॉ. जितेंद्र सिंह और संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना को इस्तीफा देकर समाज की लड़ाई का साथ देना चाहिए।

कर्नल बैंसला सहित कुछ लोग कौम के साथ सौदेबाजी कर रहे हैं। मैंने इसका मुकाबला करने के लिए और आगे चलकर समाज के हक की लड़ाई लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दिया है। कर्नल बैंसला ने समाज के साथ बार बार दगा किया।

बिधूड़ी को मना लेंगे : मुख्यमंत्री
बिधूड़ी के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भावुकता में उन्होंने यह कदम उठाया है। वे पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं, उन्हें हम मना लेंगे। इस बारे में हाईकमान से भी बात की जाएगी।

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