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16 सितंबर 2012

शमीना शफीक सभी समाजों की महिलाओं के उत्पीडन के मामले में अलग अलग फीडबेक लेकर उनकी तात्कालिक और बुनियादी समस्याओं के स्थाई निराकरण का हल तलाशने में जुटी है

राष्ट्रिय महिला आयोग की सदस्या श्रीमती शमीना शफीक महिला आयोग  की चेयरमेन श्रीमती ममता शर्मा के नेत्रत्व में क्रांतिकारी परिवर्तन कर महिलाओं को प्रताड़ना और पीड़ा से बचाने के लियें  शीघ्र ही महत्वपूर्ण सिफारिशें करने  है .......श्रीमती शमीना शफीक आज अपने एक दिवसीय दौऱे पर कोटा प्रवास पर थीं आज शमीना शफीक से ह्युमन रिलीफ सोसाइटी के महासचीव एडवोकेट अख्तर खान अकेला और सम्भागीय वक्फ संयोजक तबरेज़  पठान ने मुलाक़ात की ..शमीना शफीक के दिल में पीड़ित महिलाओं का दर्द है और उन्होंने इस मामले में छ माह के कार्यकाल में विभिन्न राज्यों का दोरा कर महिलाओं की समस्याए उनका कारण  और निवारण के तरीकों का फीड बेक लिया है ...एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने शमीना शफीक को राजस्थान की मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं से अवगत कराते हुए सुझाव दिया की देश के सभी राज्यों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया जाए के  कोई भी मुस्लिम पुरुष अपनी पूर्व पत्नी के रहते हुए शरियत के आदेशों के खिलाफ केवल अय्याशी करने के लियें या फिर मजे करने के लियें निकाह रचाता है तो ऐसे निकाह को रुकवाने के लियें प्रशासन कार्यवाही करे और काजियों को भी इस मामले में शरियत के अनुरूप दूसरा निकाह होने पर सभी दस्तावेज वर्तमान पत्नी की स्वीक्रति और शरियत के सिद्धांतों के कारणों की तस्दीक करने के बाद ही निकाह कराने का दायित्व समझाया जाए ..चर्चा में अख्तर खान अकेला ने यह भी कहा के मुस्लिमों में कई मामले ऐसे है के महिला को पुरुष तलाक भी नहीं देता ..खर्चा भी नहीं देता महर भी नहीं देता और महिला को परेशां  करता है खुद तो दूसरा निकाह कर  लेता है और महिला परेशान  होती रहती है ..शमीना जी को यह भी बताया गया के उच्चतम न्यायलय के नियमों के अनुसार किसी भी महिला को तलाक देने के पहले कुरान की आयत सुरे अन्निसा के सिद्धांतों का पालन जरूरी है और इसके विपरीत जो भी तलाक हो उन्हें अमान्य ठहराया जाए ...उन्हें पाकिस्तान और बांग्ला देश में तलाक के पंजीयन के नियमों के बारे में बताया गया पाकिस्तान में तलाक के पूर्व तलाक पंजीयन अधिकारी के समक्ष आवेदन किया जाना और फिर उसकी तस्दीक महिला की उपस्थिति में करवाया जाना जरूरी है इसके उलंघन पर वहां  दो वर्ष के कारावास की सजा का प्रावधान है ......शमीना शफीक को डोमेस्टिक वोय्लेंस के प्रावधानों को लागू करने और प्रोटेक्शन ऑफिसर्स को उनके कर्तव्यों के प्रति सजग और सतर्क करने का भी सुझाव दिया गया ...शमीना शफीक ने सभी सुझावों को सूना और महिलाओं के मामले में स्थाई लोक अदालतों के माध्यम से शरियत के प्रावधानों के तहत विवादों के निस्तारण मामले में कार्यवाही के प्रयास का आश्वासन दिया ..शमीना शफीक सभी समाजों की महिलाओं के उत्पीडन के मामले में अलग अलग फीडबेक लेकर उनकी तात्कालिक और बुनियादी समस्याओं के स्थाई निराकरण का हल तलाशने में जुटी है और इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ममता शर्मा उनके साथ है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

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