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16 सितंबर 2012

महामृत्युंजय मंत्र के 33 अक्षरों में समाई इन 33 देवशक्तियों से बाल भी नहीं होता बांका


मंत्र का शाब्दिक मतलब होता है मनन करना। मगर फल की दृष्टि से मंत्र का मतलब होता है मन की पीड़ा का त्राण यानी अंत करने वाला। मंत्र शक्ति से जब दु:खों से छुटकारे के धार्मिक उपाय पर विचार किया जाता है, तब एक ही मंत्र सर्वश्रेष्ठ माना गया है। वह है - महामृत्युंजय मंत्र।
धर्म परंपराओं में यह शिव के महामृत्युंजय रूप की आराधना से रोग, काल भय और दु:खों के शमन का मंत्र है। किंतु शास्त्रों में इस मंत्र से कामनापूर्ति का भी महत्व बताया गया है। साथ ही यह शिव ही नहीं बल्कि अनेक देवताओं की उपासना का भी अद्भुत मंत्र है।
शास्त्रों के मुताबिक यह मंत्र 32 अक्षरों से बना है। किंतु ऊँ के जुडऩे पर मंत्र 33 अक्षरों का हो जाता है। इसलिए इसे तैंतीस अक्षरी मंत्र भी कहा जाता है। चूंकि मंत्रों में आने वाले अक्षर, शब्द, स्वर, व्यंजन, ध्वनि और बिंदु देवीय शक्तियों के ही रूप और बल के संकेत होते हैं।  इसी तरह महामृत्युंजय मंत्र के 33 अक्षरों में 33 देवीय शक्तियां मानी गई है,जिससे यह मंत्र बहुत प्रभावशाली और शक्तिशाली माना जाता है।

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