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06 सितंबर 2012

विधायक राजावत को जेल, डेढ़ साल पहले लगाया था जाम



कोटा. पिछले साल एक्सीडेंट में एक युवक की मौत के बाद हाइवे जाम करने के मामले में विधायक भवानीसिंह ने चार कार्यकर्ताओं के साथ गुरुवार को एसीजेएम (नंबर 5) कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद जमानती अर्जी खारिज करते हुए राजावत व कार्यकर्ताओं को जेल भेज दिया।
इस मामले में विधायक ओम बिरला भी आरोपी हैं, लेकिन वे कोर्ट नहीं पहुंचे। गुरुवार दोपहर राजावत कार्यकर्ता हेमराजसिंह हाड़ा, सत्यभानसिंह, हेमकंवर हाड़ा एवं सतीश भारद्वाज के साथ कोर्ट पहुंचे। उसके बाद कोर्ट ने गुमानपुरा पुलिस से मामले की फाइल तलब की। सीआई संजय शर्मा फाइल लेकर कोर्ट पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी डाली।
मजिस्ट्रेट ने विधायक सहित पांचों कार्यकर्ताओं को जेल भेजने के आदेश दिए। राजावत व उनके कार्यकर्ताओं की ओर से कोर्ट जमानत याचिका भी लगाई गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद पुलिस राजावत व उनके कार्यकर्ताओं को जेल लेकर पहुंची।
यह भी थी चर्चा
शहर में राजावत के सरेंडर को लेकर चर्चा थी कि पहले ओम बिरला भी सरेंडर करने वाले थे, लेकिन उन्हें इस बात का अंदेशा हो गया था कि जेल जाने की नौबत आ सकती है, इसलिए वे रुक गए। लोगों का कहना था कि बिरला को कहीं से कोर्ट में नहीं जाने के संकेत तो नहीं मिल गए थे।
इसलिए गए राजावत जेल
एडवोकेट भारत सिंह का कहना था कि हाईवे जाम करने के मामला गैर जमानतीय अपराध है। इसमें पांच साल तक की सजा है। लोअर कोर्ट पांच साल या उससे अधिक सजा वाले मामले में जमानत नहीं लेती है। राजावत वाले मामले में भी यही हुआ है।
डीजे में होगी सुनवाई
एडवोकेट भारत सिंह ने बताया कि राजावत की ओर से लोअर कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। उनकी ओर से डीजे (सेशन कोर्ट) में जमानत अर्जी लगाई जा चुकी है। उस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। इसमें संभवत: शुक्रवार जमानत मिल ही जाएगी। यहां जमानत नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगानी पड़ेगी। जब तक जमानत नहीं मिलेगी राजावत को जेल में ही रहना पड़ेगा।
यह था मामला
13 जनवरी 2011 को उद्योगनगर इलाके में हुए एक्सीडेंट में प्रहलाद लुहार की मौत हो गई थी। 14 जनवरी को सुबह कोटड़ी चौराहे से झालावाड़ जाने वाले नेशनल हाइवे 12 को विधायक ओम बिरला, भवानीसिंह राजावत व उनके कार्यकर्ताओं ने जाम लगा दिया था।
राजावत ने खाया जेल का खाना
राजावत व तीन साथियों को जेल अलग ही बैरक में रखा है। महिला कार्यकर्ता को महिलाओं के साथ रखा गया है। इससे पहले जेल में तलाशी भी ली गई। उनकी कुंडी व माला को उतरवाया गया। राजावत ने जेल में बनी आलू की सब्जी व रोटी खाई।

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