कोटा. अतिक्रमणों को हटाने के लिए अभियान चलाना तो दूर नगर निगम खुद अतिक्रमण करवा रहा है। हाल ही में निगम ने बालाकुंड में सुलभ कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए सुलभ इंटरनेशनल को परमिशन दे दी। वहां के नागरिक विरोध में सड़क पर उतर आए।
हालांकि अभी तक निगम ने सुलभ कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना को खारिज नहीं किया है। इधर, निगम सुस्त बैठा है और विभाग के मुखिया स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल घोषणा कर रहे हैं कि अतिक्रमण पर कार्रवाई में किसी प्रकार का कंप्रोमाइज नहीं किया जाएगा। पिछले दिनों नगर निगम ने बालाकुंड पर सुलभ कॉम्प्लेक्स बनाने की मंजूरी दे दी। निगम ने सुलभ इंटरनेशनल संस्था को जो जगह चिन्हित कर बताई वो मुख्य रोड पर थी।
जिसके बनने से आधा मार्ग बंद हो जाएगा। संस्थान ने निर्माण के लिए नींव खोदना शुरू कर दिया। नींव की खुदाई जब सड़क तक पहुंची तो लोगों को पता चला कि ये तो सड़क पर ही बनाया जा रहा है। लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन सुलभ इंटरनेशनल के कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें नगर निगम से परमिशन मिली हुई है। इस पर लोगों ने निगम में शिकायत की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
नहीं माना तो जनता पकड़ कर ले गई निगम
जब निगम ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की तो जनता का आक्रोश फूट पड़ा और वे वहां काम कर रहे ठेकेदार को पकड़कर नगर निगम ले गए। जब माहौल बिगड़ने की नौबत आई तो नगर निगम हरकत में आया और फिलहाल उस ठेकेदार को काम रोकने के लिए कहा है। स्थानीय लोग दीपचंद, विष्णु शर्मा, द्वारकाप्रसाद, धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि यदि निगम ने इस जगह को नहीं बदला तो वे यहां काम नहीं होने देंगे।
मंत्री दे रहे आदेश, अधिकारी टस से मस नहीं
स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने शनिवार को यूआईटी में आयोजित आवासीय योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में अतिक्रमियों को नहीं बख्शने की बात कही है। खासतौर से रसूखदारों और बड़े अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। साथ ही गरीबों व अवैध बस्तियों को उन्होंने क्लीनचिट दे दी। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के मामले में किसी प्रकार का कोई कंप्रोमाइज नहीं होगा। समाचार पत्र अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर रसूखदारों और सरकारी जमीन पर बड़े-बड़े मकान बनाने वालों को बेनकाब करें तो ये देशहित में होगा।
ऐसे अतिक्रमण के बारे में हमें भी अवगत करवाया जाए, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गरीबों के अतिक्रमण न छापे जाएं, उन्हें भी रोजगार करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि लैंड यूज चेंज करने का अधिकार नगर निगम व यूआईटी को है। नगर पालिका एक्ट में इसका प्रावधान है। शॉपिंग सेंटर के बरामदे निजी संपत्ति हैं। जयपुर की तरह सरकारी जमीन नहीं है, जिसे किसी कानून के तहत खाली करवाया जा सके। उसमें अवैध निर्माण हो सकता है, वो अतिक्रमण नहीं है। अतिक्रमण और अवैध निर्माण में अंतर समझना होगा।
हालांकि अभी तक निगम ने सुलभ कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना को खारिज नहीं किया है। इधर, निगम सुस्त बैठा है और विभाग के मुखिया स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल घोषणा कर रहे हैं कि अतिक्रमण पर कार्रवाई में किसी प्रकार का कंप्रोमाइज नहीं किया जाएगा। पिछले दिनों नगर निगम ने बालाकुंड पर सुलभ कॉम्प्लेक्स बनाने की मंजूरी दे दी। निगम ने सुलभ इंटरनेशनल संस्था को जो जगह चिन्हित कर बताई वो मुख्य रोड पर थी।
जिसके बनने से आधा मार्ग बंद हो जाएगा। संस्थान ने निर्माण के लिए नींव खोदना शुरू कर दिया। नींव की खुदाई जब सड़क तक पहुंची तो लोगों को पता चला कि ये तो सड़क पर ही बनाया जा रहा है। लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन सुलभ इंटरनेशनल के कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें नगर निगम से परमिशन मिली हुई है। इस पर लोगों ने निगम में शिकायत की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
नहीं माना तो जनता पकड़ कर ले गई निगम
जब निगम ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की तो जनता का आक्रोश फूट पड़ा और वे वहां काम कर रहे ठेकेदार को पकड़कर नगर निगम ले गए। जब माहौल बिगड़ने की नौबत आई तो नगर निगम हरकत में आया और फिलहाल उस ठेकेदार को काम रोकने के लिए कहा है। स्थानीय लोग दीपचंद, विष्णु शर्मा, द्वारकाप्रसाद, धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि यदि निगम ने इस जगह को नहीं बदला तो वे यहां काम नहीं होने देंगे।
मंत्री दे रहे आदेश, अधिकारी टस से मस नहीं
स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने शनिवार को यूआईटी में आयोजित आवासीय योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में अतिक्रमियों को नहीं बख्शने की बात कही है। खासतौर से रसूखदारों और बड़े अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। साथ ही गरीबों व अवैध बस्तियों को उन्होंने क्लीनचिट दे दी। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के मामले में किसी प्रकार का कोई कंप्रोमाइज नहीं होगा। समाचार पत्र अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर रसूखदारों और सरकारी जमीन पर बड़े-बड़े मकान बनाने वालों को बेनकाब करें तो ये देशहित में होगा।
ऐसे अतिक्रमण के बारे में हमें भी अवगत करवाया जाए, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गरीबों के अतिक्रमण न छापे जाएं, उन्हें भी रोजगार करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि लैंड यूज चेंज करने का अधिकार नगर निगम व यूआईटी को है। नगर पालिका एक्ट में इसका प्रावधान है। शॉपिंग सेंटर के बरामदे निजी संपत्ति हैं। जयपुर की तरह सरकारी जमीन नहीं है, जिसे किसी कानून के तहत खाली करवाया जा सके। उसमें अवैध निर्माण हो सकता है, वो अतिक्रमण नहीं है। अतिक्रमण और अवैध निर्माण में अंतर समझना होगा।
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