लीबिया के पड़ोसी देश मिस्र की राजधानी काहिरा स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर भी प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने दूतावास में लगे अमेरिकी झंडे को फाड़ दिया और उसकी जगह इस्लामी झंडे लगा दिए।
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। ऐसा माना जा रहा है कि यह हमला अमेरिका में पैगम्बर साहब पर बनाई गई एक ऑनलाइन फिल्म के विरोध में किया गया।
गौरतलब है, अमेरिका स्थित कॉप्टिक ग्रुप ने इस्लाम विरोधी इस ऑनलाइन फिल्म का निर्माण किया है, जिसमें पैगम्बर मोहम्मद साहब के बारे में 'अपमानजनक' बातें कहीं गई हैं। इस फिल्म के निर्माताओं में वह पादरी भी शामिल हैं, जिन्होंने कुरान की प्रतियां जलाईं थीं। फिल्म का कुछ हिस्सा यूट्यूब पर पोस्ट किया गया, जिसके बाद इसका विरोध शुरू हो गया।
मिस्र से जुड़े कुछ संगठनों ने अमेरिकी वेबसाइट के साथ यूट्यूब पर अपलोड 'इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स' फिल्म के कुछ सीन पर आपत्ति जताई है। फिल्म के एक सीन में इस्लाम को सबसे बुरा धर्म करार देते हुए इसे कैंसर तक कह डाला है। फिल्म को इजरायली-अमेरिकी निर्माता ने बनाया है। उसने अपनी फिल्म के द्वारा इस्लाम को सबसे खराब धर्म बताया है। फिल्म का प्रोमोशन फ्लोरिडा के पादरी टेरी जोंस ने किया है। जोंस के खिलाफ पूर्व में भी कुरान की प्रति जलाने पर प्रदर्शन हुए थे।
अमेरिका ने कहा है कि दुनियाभर में अमेरिका अपने साथी देशों के साथ कई मिशनों पर काम कर रहा है और इस घटना के बाद उन देशों को हमारे लोगों को कड़ी सुरक्षा देनी चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)