मॉनसून सत्र खत्म होते ही आम आदमी की जेब कट सकती है। सरकार ने इसके लिए पूरी तरह से तैयारी भी शुरू कर दी है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने डीजल, एलपीजी और मिट्टी के तेल के दाम बढ़ाने को लेकर कैबिनेट नोट भी जारी कर दिया है। ऐसे में अब मूल्यवृद्धि शुक्रवार के बाद कभी भी हो सकती है। इसमें उपभोक्ताओं को साल में केवल चार से छह सस्ते गैस सिलेंडर देने की सिफारिशकी गई है। कुल मिलाकर अब आम जनता बस कुछ दिन ही राहत पा सकेगी।
दिलचस्प है कि सरकार और कंपनियों की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 4 से 5 रुपये का इजाफा हो सकता है। पेट्रोलियम मंत्रालय 7 सितंबर को संसद का मौजूदा सत्र खत्म होने के बाद डीजल के दाम में बढ़ोतरी का दबाव बना सकती है।
सरकारी तेल कंपनियों को एक लीटर डीजल पर 19.26 रुपए का लॉस हो रहा है। यह डीजल की रीटेल कीमत का करीब 50% है। इसके साथ ही सरकारी ऑयल डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां पेट्रोल की कीमत में भी 5 रुपए लीटर की बढ़ोतरी कर सकती हैं। एक सरकारी ऑयल कंपनी के सीनियर एग्जेक्युटिव ने बताया, 'हम मॉनसून सत्र के चलने की वजह से पिछले महीने पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ा पाए। हम इसके बाद इंतजार नहीं कर सकते।'
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