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23 अगस्त 2012

राजस्थान में आपदा का प्रबन्धन है या फिर नोकरशाहों का कुप्रबंधन है .

राजस्थान में आपदा का प्रबन्धन है या फिर नोकरशाहों का कुप्रबंधन है ..कुछ समझ नहीं आ रहा है ..राजस्थान में आपदा प्रबन्धन कानून है ..आपदा प्रबन्धन समितियां बनाई गयी है ..जिला ..सम्भाग और प्रबंध स्तर पर किसी भी आकस्मिक प्राक्रतिक प्रकोप के वक्त या दुर्घटना के वक्त परेशान न हो और तुरंत राहत कार्य शुरू हो जाए इसकी व्यवस्था राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कानून बनाकर की है .........लेकिन नोकरशाह अशोक गहलोत को डुबोने में लागे है और यही कारण है के अफसरशाहों के कुप्रबंध और नालायकी के चलते राजस्थान में अनावश्यक सरकार के राहत कार्यों पर उँगलियाँ उठ रही है ...........दोस्तों राजस्थान में आपदा राहत कानून के तहत प्रत्येक जिले ..सम्भाग और राजस्थान स्तर पर एक समिति का गठन किया गया है जिसका कार्य आपात स्थिति में राहत कार्यों को केसे किया जाए और क्या सुझाव है बाबत रखा गया है इसके कार्य सदस्यों की नियुक्ति उनके कर्तव्य भी कानून में परिभाषित किये गए है जिला कलेक्टरों ..सम्भागीय आयुक्त ..मुख्यसचिव को भी आवश्यक निर्देश है लेकिन अफ़सोस इस बात का है के अफसर शाह राजस्थान में प्राक्रतिक आपदा और अचानक दुर्घटना के लियें गम्भीर नहीं है यहाँ वर्ष के पूर्व ...गर्मी ..अंधी ..तूफान के पूर्व के सर्वे नहीं है ...समाजसेवकों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकें आयोजित नहीं की गयी है .......हालत यह है के डूब वाला इलाका कोनसा है ..सडकें कहाँ टूटी है ..जर्जर इमारतें कोनसी है .राहत शिविर कहाँ लगेंगे ..सडकें केसे मरम्मत हों .......आकस्मिक दुर्घटना से निपटने के लियें फायर ब्रिगेड ...सिविल डिफेन्स ..स्काउट ..ऍन सी सी केडेट्स ..समाज सेवी संस्थाएं ..राजनितिक पार्टियों की तत्काल क्या ज़िम्मेदारी रहेगी और क्या प्राथमिकता रहेगी ....राहत के लियें खाने के पेकेट ..ठहरने के स्थान ...रस्से....नावें ..मोटर बोट ..हेलिकोप्टर ..अन्य राहत उपकरणों की क्या व्यवस्था होंगी इसका राजस्थान के किसी जिले या खुद मुख्यसचिव महोदय ने पोस्टमार्टम नहीं किया है जबकि राहत प्रबन्धन समितियों का गठन हो चूका है दो वर्षों में कितनी बैठकें हुईं जिला कलेक्टरों ने क्या कारगर कदम उठाये अगर हम देखेंगे तो अफसर शाही से नफरत होने लगेगी ..तो दोस्तों राजस्थान प्राक्रतिक आपदा से घिरा राज्य है यहाँ ..कभी ..आंधी ..कभी बरसात..कभी तूफ़ान ...कभी अकाल ..कभी बाढ़ ..कभी महामारी तो कभी बढ़ी दुर्थ्नाएं होती रहती है लेकिन अगर वक्त रहते इन हालातों को नहीं सुधार और आपदा प्रबन्धन समितियों का पुनर्गठन कर ज़िम्मेदार लोगों को उसमे नियुक्त नहीं किया तो यह अफसर शाह इस राजस्थान को डुबो देंगे और अगर ऐसा होने लगा तो फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभी सकारात्मक कोशिशों पर पानी फिर जाएगा ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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