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13 अगस्त 2012

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार और मंत्रियों के खिलाफ खड़े हुए विधूड़ी



जयपुर.संसदीय सचिव राजेंद्र सिंह विधूड़ी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार और मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधूड़ी ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हम तीन विधायकों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ रथयात्रा निकालने की घोषणा की तो एक साजिश के तहत हमारी छवि खराब करने का षड्यंत्र किया गया।


चित्तौड़गढ़ के प्रभारी मंत्री और ऊपर बैठे लोगों ने बेगूं प्रधान को मोहरा बनाकर मेरे पर 20 लाख रुपए लेने का झूठा आरोप लगवाया। अब प्रधान खुद भ्रष्टाचार के मामले में फंस गई है। प्रधान को एसीबी अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है? एसीबी के मुखिया खुद मुख्यमंत्री हैं, फिर भी किसके इशारे पर प्रधान को बचाया जा रहा है? भ्रष्टाचार में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को जांच कमेटी बनाने की क्या जरूरत है?

कमेटी तो लीपापोती के लिए बनाई जाती है। उन्होंने कहा कि प्रतापसिंह, रघु शर्मा और मैंने सिस्टम के खिलाफ आवाज उठाई थी। हम सिस्टम के खिलाफ बोल नहीं सके, इसके लिए हमारे खिलाफ साजिश की गई। मैं सोनिया गांधी को सचाई नहीं बता सकूं, इसके लिए मुझ पर आरोप लगाने के लिए प्रधान का इस्तेमाल किया गया। इस मुद्दे के बाद भ्रष्टाचार के और भी मुद्दे उठेंगे। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो फिर यात्रा निकालेंगे।

भरतसिंह की शह पर दबाए घोटाले

चित्तौड़गढ़ जिले में नरेगा में भारी भ्रष्टाचार हुआ। उस समय के ग्रामीण विकास मंत्री भरत सिंह की शह पर उन सब घोटालों को दबा दिया। इन घोटालों के लिए तत्कालीन कलेक्टर समित शर्मा जिम्मेदार है। मैंने भरत सिंह का विरोध किया था, इसलिए उसने जिला प्रभारी की हैसियत से मेरे खिलाफ प्रधान का इस्तेमाल किया।

डॉ. जितेंद्र ने 2003 में गुर्जर आरक्षण का विरोध किया

बेगूं प्रधान का बिजली चोरी का मामला बना, लेकिन ऊर्जा मंत्री ने रिपोर्ट बदलवा दी। मैं भी गुर्जर समाज की राजनीति करता हूं, इसलिए डॉ. जितेंद्र सिंह ने डाह रखते हुए रिपोर्ट बदलवाई। ये वही जितेंद्र सिंह हैं, जिन्होंने 2002-03 में सचिवालय में बयान दिया था कि गुर्जरों को आरक्षण की जरूरत नहीं है।

डॉ. जितेंद्र उसी समय पद छोड़ देते तो आरक्षण के लिए गुर्जर समाज के 72 बेटों को कुर्बानी नहीं देनी पड़ती। इस मामले में डॉ. जितेंद्र सिंह से उनका पक्ष जानने के लिए कई बार संपर्क किया, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके।

हमें सोनिया गांधी ने पद दिया है, किसी नेता का थेला उठाकर घूमने वालों में नहीं

उन्होंने कहा कि मुझे और रघु शर्मा को पद दिया है तो सोनिया गांधी ने दिया है। प्रताप सिंह खाचरियावास को भी मौका मिलना चाहिए था। हमारे पास नाम मात्र का पद है, कोई ताकत तो है नहीं। केवल लालबत्ती की गाड़ी है, इसकी मुझे चाह नहीं है।

हम कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी व सोनिया गांधी के वफादार हैं। हम किसी व्यक्ति के वफादार नहीं हैं। हम किसी नेता का थेला उठाने वाले और चारों तरफ दुम हिलाते घूमने वालों में नहीं हैं। हम सीधे हाईकमान से जुड़े हैं, प्रदेश में सीधे हाईकमान से जुड़े लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है, उनके काम नहीं हो रहे हैं।

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