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09 अगस्त 2012

परमाणु हमले की तैयारी बढ़ा रहा पाकिस्‍तान, सेना ने की भारत में घुसपैठ की कोशिश नाकाम



श्रीनगर/वॉशिंगटन. भारत को लेकर पाकिस्तान के 'नापाक' मंसूबे एक बार फिर सामने आए हैं। बीती रात सेना ने जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से आतंकियों की घुसपैठ की बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया। इस मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गया।
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस बरार ने बताया, 'गुरेज सेक्टर के बकतूर इलाके में मौजूद घाटी में आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। सेना ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया। जिसकी वजह से आतंकियों को वापस लौटना पड़ा।'
वहीं, दूसरी ओर अमेरिका की एक संसदीय समिति (कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों की संख्या और गुणवत्ता लगातार बढ़ा रहा है। सीआरएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत को मद्देनजर रखते हुए अपनी परमाणु तैयारी को अंजाम दे रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की परमाणु क्षमताओं में संभावित इजाफे को देखते हुए पाकिस्‍तान अपनी परमाणु हथियार की क्षमता लगातार बढ़ा रहा है। जल्द ही इसमें और तेजी भी आ सकती है। सीआरएस की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अपने परमाणु हथियारों की संख्या और गुणवत्ता को बढ़ाने के अलावा पाकिस्तान उन हालातों की संख्या भी बढ़ा सकता है, जिसके तहत भारत पर परमाणु हमला किया जा सकता है।
सीआरएस की अन्य रिपोर्ट के अनुसार, 'पाकिस्‍तान के पास करीब 90-110 परमाणु हथियार है।' रिपोर्ट में आशंका व्‍यक्‍त की गई है कि यह तादाद इससे अधिक भी हो सकती है।
सीआरएस की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने शुरू में कहा था कि उसे केवल न्‍यूतम प्रतिरोध के लिए इसकी आवश्‍यकता है लेकिन उसने कभी इसकी परिभाषा नहीं बताई। भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (सीटीबीटी) पर भी हस्‍ताक्षर नहीं किए हैं। इसके जवाब में पाकिस्‍तान ने भी अपनी परमाणु क्षमताओं को बढ़ाया।
दूसरी ओर, पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास में राजनीतिक सलाहकार रहे जॉन आर स्कमिड्ट की किताब 'द अनरैवलिंग-पाकिस्तान इन द एज ऑफ जिहाद' में कहा गया है कि देश पर जिहादियों के नियंत्रण से यदि पाकिस्तान की सेना में फूट पड़ती है तो परमाणु हथियारों की सुरक्षा मुश्किल हो जाएगी। किताब में कहा गया है कि आज यह चिंता जाहिर की जा रही है कि आंतकी परमाणु हथियार का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकते हैं और अमेरिका के खिलाफ इसका प्रयोग करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल कर सकते हैं। यदि वास्तव में जिहादी इस्लामाबाद पर पकड़ बनाने में कामयाब रहते हैं तो अमेरिका की चिंता के बारे में कल्पना की जा सकती है। इस स्थिति में अमेरिका पहले हमला करने का निर्णय करेगा। अमेरिका अपने विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कमांडो को तैनात करेगा या पाकिस्तान के हथियार भंडारों पर बमबारी करेगा।

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