नाशिक। वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपने गृह ग्राम रालेगण सिद्धि के यादव बाबा मंदिर में खुद को कैद कर लिया है।
सूत्रों की मानें तो अन्ना पिछले तीन दिनों से किसी के साथ कोई चर्चा नहीं कर रहे हैं। अन्ना का यह मौन व्रत नहीं है। बल्कि कमजोरी के कारण अन्ना के इन दिनों आराम करने की बात कही जा रही है।
मजबूत जनलोकपाल बिल को मंजूरी दिलाने के लिए पिछली 25 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल व उनके सहयोगियों ने अनिश्चितकालीन अनशन आंदोलन शुरू कर दिया था, जिसमें चार दिन के बाद अन्ना हजारे शामिल हो गए थे।
इसके बाद आंदोलन को भारी जन समर्थन मिला था। अन्ना हजारे ने राजनीतिक विकल्प देने की बात करते हुए पूर्व सेना प्रमुख वी. के. सिंह की उपस्थिति में अपना आंदोलन समाप्त कर दिया था। तीन दिन पूर्व अन्ना हजारे अपने गृहग्राम रालेगण सिद्धि पहुंच गए थे। वहां पहुंचे कुछ लोगों से चर्चा करने के बाद वह यादव बाबा मंदिर में चले गए।
तीन दिन हो गए लेकिन अन्ना मंदिर से बाहर नहीं निकले हैं। जबकि मंदिर श्रद्धालुओं के लिए नियमित रूप से खुला है। अन्ना के सहायक दादा पठारे ने फोन पर चर्चा के दौरान तीन दिन से अन्ना के किसी से भी मुलाकात नहीं करने की पुष्टि की। लेकिन उन्होंने कहा कि इसके पीछे कोई ठोस कारण नहीं है।
पठारे के अनुसार अनशन समाप्त करने के बाद अपने गांव रालेगण सिद्धि लौटे अन्ना हजारे शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस कर रहे थे इसलिए वह इन दिनों आराम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्ना का यह कोई मौनव्रत नहीं है, वह स्वास्थ्य के कारण एकांतवास में चले गए हैं।
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