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03 अगस्त 2012

अन्ना सियासी पार्टी की सदस्यता ..ब्लोक..जिला.प्रदेश..राष्ट्रिय अध्यक्ष का चुनाव क्या वोट डलवाकर करेंगे या फिर दूसरी पार्टियों की तरह थोपेंगे

अन्ना के अनशन के साथ ही देश में जन्लोक्पाल बिल आने की सम्भावनाये खत्म हो गयी है ....कोंग्रेस ने पहले से ही कह दिया था के मानसून सत्र में लोकपाल बिल पर चर्चा नहीं होगी ...सोलाह महीने और लोकपाल और जन लोकपाल का हव्वा देश के मिडिया और देश की जनता के करोड़ों करोड़ रूपये और वक्त की बर्बादी नतीजे के नाम पर सिफर ..जी हा अन्ना ने देश और देश की जनता को यही कुछ दिया है और इसे हम धोखा भी कह सकते है आप जरा ठंडे दिमाग से सोचिये ..खुद को फ्लेश बेक में ले जाइए हम यह करेंगे हम वोह करेंगे हम मर जायेंगे लेकिन जन लोकपाल बिल लायेंगे हम आर पर की लड़ाई लड़ेंगे मरते दम तक लड़ेंगे ..अन्ना और टीम के इन भाषणों को कोंग्रेसी नेताओं ने मजाक उड़ाया और कहा के अन्ना में हिम्मत है तो चुनाव लड़े राजनितिक पार्टी बनाये और फिर जेसा चाहे ज्न्लोक्पल लाये तब आपको याद होगा अन्ना और उनकी टीम ने कहा था के जनता से बढ़ी सरकार नहीं है जनता ही लोकपाल बिल लाएगी और अन्ना की टीम कोई सियासी पार्टी नहीं बनाएगी ..अचानक महाराष्ट्र के केन्द्रीय बिजली मंत्री सुशिल कुमार शिंदे को गृह मंत्री और फिर कोंग्रेसी संसदीय दल का नेता बनाना और अन्ना का आन्दोलन समेट कर जनता को मीठी गोली देकर घर चले जाना कीस बढ़ी राजनितिक डील की तरफ इशारा करता है अन्ना के इस रवय्ये से देश का अपमान हुआ है देश में पहली बार एक उम्मीद की किरण जागी थी देश में पहली बार देश की जनता ने किसी की बारों और वायदों पर भरोसा किया था .देश ने एक सपना देखा था लेकिन अन्ना की इस सियासी घोषणा और अहंकारी भाषण ने देश को लकवाग्रस्त कर दिया है ..अन्ना कहते है में चुनाव नहीं लडूंगा क्यूँ नहीं लड़ेंगे पहले खुद कहीं से सांसद और विधायक तो बन कर बताएं ......लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम में सियासी पार्टी का क्या विधान होगा कोन राष्ट्रिय अध्यक्ष होगा इस पार्टी के चुनाव किस लोकतान्त्रिक तरीके से होंगे ब्लोक अध्यक्ष ..जिला अध्यक्ष ..प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव क्या वोह सदस्य बना कर करवा सकेंगे या फिर वेसे ही कोंग्रेस और भाजपा की तरह बिना किसी लोकतान्त्रिक प्रणाली के पारी के अध्यक्षों को थोपेंगे मेरा अन्ना से और उनके समर्थकों से निवेदन है के वोह पहले इन सभी मुद्दों को स्पष्ट करे रुपया खान से आएगा अब तक जो रुपया जमा है क्या उसे जनता को लोटाया जायेगा सदस्यता अभियान और ब्लोक ..जिला..प्रदेश और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन की कोंसी लोकतांत्रिक प्रणाली होगी चुनाव अधिकारी कोन होगा बता सकेंगे आप लोग या फिर सियासत के इस गंदे तालाब को गंदा करने अन्ना नाम की एक मछली और बढ़ गयी है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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