आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

01 अगस्त 2012

माता-पिता ने लाख कोशिश की कि घर लौट आए

अजमेर.इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले एक छात्र में वैदिक संस्कृति और उपनिषद के बारे में जानकारी हासिल करने की ऐसी लगन लगी कि वो अपना घर छोड़कर आर्य समाज संस्थान में आकर रहने लग गया। बेटे के संन्यासी होने की आशंका से ग्रसित माता पिता उसे लेने भरतपुर से अजमेर पहुंच गए। बेटे को खूब समझाया, लेकिन वह बिना अध्ययन के चलने को तैयार नहीं हुआ। परेशान मां बाप ने पुलिस से गुहार लगाई।

पुलिस ने प्रयास भी किया लेकिन बेटे के अटल निर्णय के चलते मां बाप को वापस लौटना पड़ा। बेटे ने आश्वासन दिया कि वह अध्ययन के बाद वापस घर लौटेगा। बयाना के 23 वर्षीय रविशंकर गुप्ता ने बैचलर ऑफ टेक्नॉलॉजी की डिग्री लेने के बाद वैदिक, संस्कृत और उपनिषद के अध्ययन के लिए ऋषि उद्यान स्थित गुरुकुल आर्य समाज संस्थान में विद्यार्थी के तौर पर प्रवेश लिया है।

रविशंकर की इच्छा वेद-उपनिषद और संस्कृत व्याकरण के गूढ़ रहस्य को जानने की है। बयाना के सेंड स्टोन व्यापारी मोहनलाल गुप्ता व उनकी पत्नी ने गंज थाने में शिकायत दर्ज कराई कि गुरुकुल में उसके पुत्र को जबरन संन्यासी बनाने की कोशिश की जा रही है। शिकायत पर पुलिस ने जांच की। पता चला कि उसने अपनी इच्छा से गुरुकुल में प्रवेश लिया है।

वह वेद-उपनिषद का अध्ययन करना चाहता है। वह विद्यार्थी के तौर पर गुरुकुल में रह रहा है। संन्यासी या वानप्रस्थ के बारे में वह कोई दीक्षा ग्रहण नहीं कर रहा है। अध्ययन पूरा करने के बाद वह खुद घर लौट जाएगा। बेटे की ओर से वादा करने के बाद भी परिजन रविशंकर को घर चलने के लिए मनाने की कोशिश करते रहे। रोते-बिलखते माता-पिता ने रविशंकर को उसके पुत्र धर्म का वास्ता दिलाया।

घर के इकलौते पुत्र की जिम्मेदारियों का आभास कराया। गुप्ता ने बताया कि उसकी चार संतानों में तीन पुत्रियां और एक पुत्र रविशंकर है। पुत्रियां शादी के बाद ससुराल में हैं। उन्हें बुढ़ापे के सहारे के तौर पर रविशंकर से ही उम्मीद है लेकिन उसके संन्यासी की दिशा में कदम उठाने से भयभीत हैं।

आठ साल की उम्र से आर्य समाज से जुड़ाव

जयपुर के स्वामी केशवानंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी से बी-टेक की डिग्री लेने के बाद बयाना निवासी 23 वर्षीय रविशंकर ने आर्यसमाज गुरुकुल में वैदिक ज्ञान के लिए प्रवेश लिया है। रविशंकर ने भास्कर से बातचीत में स्पष्ट किया कि वो संन्यासी या वानप्रस्थ में प्रवेश करने के लिए नहीं आया है। उसकी मंशा वेद-उपनिषद, संस्कृत और दर्शन शास्त्र के गहन अध्ययन करने की है। इसके लिए यह संस्थान उपयुक्त है।

रविशंकर ने बताया कि आठ साल की उम्र से ही वह आर्य समाज की गतिविधियों से जुड़ा रहा है। उसके परिजन भी आर्य समाज से जुड़े हैं। दसवीं में टॉपर रहने के बाद उसने इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया था लेकिन इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद भी उसके मन को संतुष्टि नहीं मिली।

इंजीनियर पुत्र को वैरागी लिबास में देख कर माता-पिता दुखी

वेद-उपनिषद के विद्यार्थी रविशंकर के माता-पिता को आशंका है कि वह संन्यासी बन गया है। बयाना निवासी रविशंकर के पिता गुप्ता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि इंजीनियरिंग बेटे को वैरागी लिबास में देख कर वह दुखी है। दूसरी ओर इस बारे में रविशंकर का कहना है कि गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों का सफेद धोती ड्रेस कोड है। उसने तर्क दिया कि जिस तरह कॉलेज में धोती-कुर्ता नहीं पहन सकते उसी तरह गुरुकुल का भी अनुशासन है। अध्ययन के दौरान वह अनुशासन का पूर्ण पालन करेगा।

संन्यास नहीं अध्ययन केंद्र

ऋषि उद्यान गुरुकुल आर्य समाज संस्थान के आचार्य सत्यजीत आर्य और सोमदत्त आर्य ने इंजीनियर रविशंकर को संन्यासी बनाए जाने के आरोप को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि संस्थान में रविशंकर ने वैदिक, संस्कृति, दर्शन और उपनिषद के अध्ययन के लिए प्रवेश लिया है। विद्यार्थी के रूप में वह संस्थान के अनुशासन के तहत यहां रहेगा। संस्थान के नियमानुसार आचार, विचार उसे अपनाने होंगे।

विद्यार्थी, वानप्रस्थ और संन्यासी

ऋषि उद्यान गुरुकुल संस्थान में विद्यार्थी, वानप्रस्थी और संन्यासी तीन अलग-अलग श्रेणियों में लोग आवास करते हैं। विद्यार्थी अध्ययन के दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां भी करते हैं। पूरी तरह ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं। इसी तरह वानप्रस्थ लोग गृहस्थ जीवन यापन करते हुए संस्थान में अध्ययन अध्यापन का कार्य करते हैं, इस श्रेणी के लोग अपने परिवार के साथ रहते हैं। संन्यास दीक्षा ग्रहण करने वाले लोगों का जीवन ब्रह्मचारी का होता है। वर्तमान में संस्थान में करीब पचास लोग रहते हैं।

गुरुकुल से आईएएस अफसर बनने की लगन

मध्यप्रदेश छिंदवाड़ा के मूल निवासी दीपक ऋषि उद्यान गुरुकुल आर्य समाज में व्याकरण विषय के विद्यार्थी के तौर पर अध्ययनरत है। दीपक ने बताया कि वह संस्थान में अध्ययन के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में संस्कृत और व्याकरण में टॉपर रहा है। अब वह यहां रहते हुए आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहा है। दीपक का कहना है कि संस्थान में अध्ययन का आदर्श वातावरण है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...