कानून लागू होने के साथ ही अब तय समय समय में सुनवाई नहीं करने वाले सरकारी अफसरों को जेब से जुर्माना भरना पड़ेगा। नगर निगम, जिला परिषद, कलेक्ट्रेट तथा अधिकांश सरकारी महकमों के परिसर में हालांकि सुनवाई अधिकार को लेकर सूचना बोर्ड पहले से ही लगाए जा चुके हैं।
सुनवाई व अपील अधिकारियों की नियुक्ति का काम जिला अधिकारियों के दफ्तरों में लगभग हो चुका है। शिकायतों के रजिस्ट्रीकरण की व्यवस्था निगम, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, यूआईटी, डिस्कॉम में ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। शिकायतों के संधारण के लिए रजिस्टर व शिकायतकर्ता को रसीद देने की व्यवस्था की जा रही है। एसडीएम, तहसीलदार तथा जिला परिषद स्तर पर व्यवस्थाओं को लेकर अंतिम रूप दे दिया गया है।
एडीएम होंगे प्रभारी अधिकारी
जिले में एडीएम गजेंद्र सिंह को सुनवाई अधिकार का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। कलेक्टर ने कहा उपखंड व तहसील स्तर पर कानून प्रभावी रूप से लागू करने तथा शिकायतों के निस्तारण के लिए बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।
पंचायत स्तर पर पटवारियों व ग्राम सेवकों को प्रशिक्षण दिया गया है। कानून को लेकर जिला स्तर पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा विभागीय स्तर पर अधिकारियों को कानून के तहत शिकायतों को दर्ज करने तथा तय समय पूर्व उनके निस्तारण की हिदायत दी जा चुकी है।
गांवों में लोग अभी अनजान
ग्राम पंचायतों में सुनवाई अधिकार को लेकर स्थिति तैयारियों के उलट लगी है। कुछ सरपंचों का कहना है कि ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर अभी तक सूचना बोर्ड नहीं लग सके हैं। ग्राम पंचायतों को इस संबंध में किसी प्रकार के निर्देश भी नहीं मिले है। गौरतलब है कि राज्य भर में बुधवार से कानून लागू हो चुका है इसके बाद सरकारी दफ्तरों में आने वाली शिकायतों की समय पर सुनवाई नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों को जुर्माना देना पड़ेगा।
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