आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

05 अगस्त 2012

हाथ बांधकर बेटे की क्रूर हत्या, शराबी पिता भी कुएं में कूदा

किशनगंज (बारां).आर्थिक तंगी व गृहक्लेश के चलते बारां जिले में अमलावदा गांव में एक व्यक्ति ने अपने बेटे की हत्या कर दी। इसके बाद छोटे बेटे व अपने माता-पिता को भी मारने की कोशिश की, लेकिन पड़ोसियों के एकत्र हो जाने से उसने भागकर गांव के पास सूखे कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लिया। इस घटनाक्रम से गांवभर में सनसनी फैल गई।


एसपी शिवलाल जोशी ने बताया कि शंभुदयाल माली (35) पुत्र पांचूलाल माली पत्नी व तीन बच्चों के साथ माता-पिता से अलग रहता था। उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर थी। इससे परिवार में आए दिन झगड़ा होता रहता था। उसकी पत्नी रक्षाबंधन मनाने बेटी के साथ उसके पीहर चौकी बोरदा गांव गई हुई थी। शनिवार रात खाना खाने के बाद दोनों पुत्र आकाश (16) व संजय (11) पढ़ने लग गए। वहीं, शंभुदयाल गांव में चला गया। करीब बारह बजे वह घर लौटा तो दोनों बच्चे सोते हुए मिले।



इसके बाद उसने बड़े पुत्र आकाश के हाथ रस्सी से बांध दिए। इस पर आकाश चीखा तो उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। वहीं, आकाश की चीख सुनकर संजय की नींद खुल गई। इसी दौरान शंभुदयाल ने धारदार हथियार से गला रेतकर आकाश की हत्या कर दी। यह मंजर देखकर संजय डर गया और चीखते हुए पास ही स्थित दादा-दादी के मकान की ओर दौड़ा।


इस पर संजय की भी हत्या करने के लिए शंभुदयाल उसके पीछे दौड़ा, लेकिन उसकी चीख से आसपास के लोग बाहर निकल आए। यह देखकर शंभुदयाल गांव के बाहर की ओर भाग गया और वहां सूखे कुएं में कूद गया। इससे उसकी भी मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शंभुदयाल का शव कुएं से बाहर निकलवाया।दोनों शवों को बरामद कर रविवार सुबह पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


कर्ज के चलते बेच दी थी पूरी जमीन


थानाप्रभारी मांगीलाल यादव ने बताया कि शंभुदयाल शराब का आदी था। इसी लत के चलते पिछले दिनों उसने करीब 12 बीघा जमीन बेच दी थी। इसमें से चार बीघा जमीन तो करीब एक माह पूर्व बेचकर कर्ज चुकाया था। इस बात को लेकर पति-पत्नी में झगड़ा होता रहता था।


राखी से करीब पांच दिन पहले उसकी पत्नी झगड़ा होने के बाद पीहर चली गई थी। राखी के बाद शंभुदयाल उसे लेने गया तो ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे नहीं भेजा। इसके दो दिन बाद ही उसने यह कदम उठा लिया। उन्होंने यह भी बताया कि दो दिन से वह गांव वालों से बातचीत में भी कहता था कि अब वह एक-दो दिन का ही मेहमान है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...