आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

01 अगस्त 2012

जानिए इस पौधे के गजब के आयुर्वेदिक गुण


आपने अक्सर गमलों में लगी कांटेदार वनस्पति देखी होगी जो तीन,दस या बीस शाखाओं में लगी होती है। लेकिन इस पौधे को बहुत कम लोग जानते हैं। इस वनस्पति का नाम है सेहुंडद है जिसे स्नुही या थूहर के नाम से जाना जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि थूहर का पौधा घर में लगाने से घर को नजर नहीं लगती तो कुछ मानते हैं कि जिस घर छत पर थूहर लगी हो वहां आकाशीय बिजली नहीं गिरती है। लेकिन बहुत कम लोग इसके औषधिय गुणों के बारे में जानते हैं। सम्पूर्ण भारत में सूखे स्थलों में पाई जाने वाली इस वनस्पति को अपने परगेटिव गुणों के कारण जाना जाता है। इस वनस्पति में कमाल का दूध पाया जाता है,जो त्वचा रोगों और पेट के कब्ज को दूर करने वाले गुणों से युक्त होता है। आइए हम बताते हैं, इस वनस्पति के चमत्कारिक गुणों के लाइव वीडियो के माध्यम से जिन्हें जानकर आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे।

- इसके दो पत्तों को केवल आग पर गर्म कर थोड़ा हाथों से मसल कर रस निकालकर थोड़ा सा काला नमक मिलाकर पीएं और देखें खांसी में कितना आराम मिलता है।

-यदि बच्चों में कब्ज की शिकायत हो तो इसके पतले कोमल डंडों को धीमी आंच पर गर्म कर रस निकालकर थोड़ा सा गुड़ मिलाकर पीला दें।

-इसकी पत्तियों को वासा (अडूसे) की पत्तियों के साथ पीसकर छोटी -छोटी गोलियां बनाकर एक से दो गोली दिन में दो से तीन बार चूसने से भी खांसी में आराम मिलता है।

- कान में दर्द हो रहा हो तो केवल इसके रस को गर्म कर कानों में दो -दो बूँद डालने मात्र से कानों का दर्द दूर होता है।

- किसी के दांत हिल रहे हों तो बस इसके दूध को हिलते हुए दांत पर लगाएं और लाभ देखें। दांत सहजता से गिर जाएंगे।-स्नूही (थूहर ) के दूध में हल्दी का पाउडर मिलाकर एक लेप जैसा बना लें और इसे अर्श (पाइल्स ) के मस्सों पर लगा दें मस्से समाप्त हो जाएंगे।

-इसकी जड़ को हींग के साथ पीसकर बच्चों के पेट पर लेप करने मात्र से उदर शूल में लाभ मिलता है।

-बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हुआ एक शोध सर्वाइकल एरोजन के लिए इसे इलेक्ट्रिक काटरी से बेहतर विकल्प के रूप में बतलाता है।

-थूहर (स्नूही),अर्क (मदार ),करंज एवं चमेली की पत्तियों को गोमूत्र के साथ किसी भी प्रकार के घाव में लेप करने से घाव भर जाते हैं।

-स्नूही के स्वरस को तिल के तेल में मिलाकर सुखाकर काजल जैसा बनाकर आंखों पर लगाने से लाभ मिलता है। ऐसे अनेक गुणों से भरपूर इस औषधि को विष के प्रभाव को नष्ट करने वाला भी बताया गया है। बस ध्यान यह रहे कि सका औषधिय प्रयोग केवल और केवल आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशन में हो।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...