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28 अगस्त 2012

बुलंद होसला और पक्के इरादे का नाम है सुश्री ज्योति पाठक

कहते है होसला हो बुलंद और दिल में हो कुछ खास करने का जज्बा तो फिर कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का की कहावत के अनुरूप सामने सिर्फ और सिर्फ कामयाबी ही कामयाबी है .......और कोटा की पत्रकार सुश्री ज्योति पाठक ने आपदा प्रबंधन मामले में विशिष्ठ कार्य कर इस भावना को सच कर दखाया है ........सुश्री ज्योति पाठक और उनके सहयोगी साथी भाई बनवारी यदुवंशी वेसे तो इलेक्ट्रोनिक चेनल से जुड़े सक्रिय पत्रकार है लेकिन पत्रकारिता के आलावा उनका अपना शोक पर्यावरण और वन्य जीवों को संरक्षित करना भी है राजस्थान के टाइगर फतेहसिंह को अपना गुरु मानने वाली सुश्री ज्योति पाठक को जंगलों में डिस्कवरी फिल्म बनाने और वन्य जीवों को संरक्षित करने के काफी गुर स्वर्गीय फतेह सिंह ने  इन्हें सिखा दिए है और यह लोग जंगलों में कमरे लेकर एक तरफ तो विशेष दर्जे की फिल्मे तय्यार कर रहे है दूसरी तरफ पर्यावरण ..वन और जीवों को केसे संरक्षित किया जाता है इस मामले में प्रशासन  को अपने  महत्वपूर्ण सुझावों से अवगत कराकर वन्य जीवों को संरक्षित कर रहे है ............सुश्री ज्योति की यह तो जीवन शेली है लेकिन इन्हें खतरों का खिलाड़ी भी कहा जाता है किसी भी खतरे से खेलना और मुसीबत में फंसे लोगों को जान की परवाह किये बगेर बचाना इनका शोक बन गया है ..इसीलियें चम्बल आपदा प्रबंधन मामले में इन्होने एक समाजसेवी संसथान  भी तय्यार किया है ...दो वर्षों से सुश्री ज्योति और भाई वनवारी मिलकर अपनी टीम के साथ कोटा की अन्य सरकारी गेर सरकारी संस्थाओं से मिलकर विशेष आपदा कल में क्या प्रबंधन हो केसे लोगों के जीवन को बचाया जाए इस मामले में प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे है ...कोटा में कुछ साल पहले गेपरनाथ पिकनिक स्थल पर एक बढ़ा हादसा हुआ और उस हादसे में प्रशासन से भी पहले सुश्री ज्योति अपने दल बल सहित पहुंची और बिना कुछ सोचे समझे एक रस्से को पकड़ कर पहाड़ी से नीचे  दुर्घटना स्थल पर पहुंच कर लोगों की जिंदगी बचाने का कम करने लगीं ....सुश्री ज्योति का यह कमाल देख कर प्रशासन और पत्रकारों के साथ साथ पीड़ित लोग भी अचंभित थे के  एक अकेली लड़की और इतना होसला जिसे खुद की जान की परवाह नहीं .....इसी तरह एक बढ़ा हादसा भंवर कुञ्ज  में हुआ था इस हादसे के बारे में सोच कर भी लोग सिहर उठते है लेकिन इस वीरांगना ने वहा  भी अपनी जन की परवाह किये बगेर अपने होसले से जिंदगी की जंग जीतने का माहोल बनाया और लोगों की जन बचाई जा सकी ...कोटा में कहीं भी प्राक्रतिक प्रकोप हो ..आपदा हो सुश्री ज्योति और उनकी टीम का होसला जज्बा पीड़ितों के साथ रहेगा ........इन दिनों राजस्थान के विभिन्न स्थानों में प्राक्रतिक आपदा के बाद पीड़ितों की स्थिति देख कर सुश्री ज्योति का अभियान है के कोटा सहित राजस्थान के लोगों को आपदा प्रबंधन और उसके बचाव कार्यों के बारे में बताया जाए वोह चाहती है प्रत्येक शहर ..गाँव का आपदा पूर्व सर्वेक्षण हो और इस सर्वेक्षण में ऐसे सुझाव भी शामिल हो के पूर्व में ही कुछ ऐसी व्यवस्था हो जिससे आपदा से बचा जा सके या फिर लोगों को प्रशिक्षित कर ऐसा जज्बा पैदा करदे के वोह पीड़ितों को बचाने और उन्हें पुनर्वासित करने का कम प्रशासन की टीम आने के पहले ही पूरा कर लें ...इस कार्य के लिए ज्योति पाठक ने कई उपकरण भी लिए है जो आपदा प्रबंधन के लियें रामबाण है ..इन्होने चम्बल में एक तरफ संरक्षण की द्रष्टि से और दूसरी तरफ पर्यटन को बढ़ावा देने की द्रष्टि से लोगों को मोटर बोट का लुत्फ़ देने के लियें मोटरबोट भी खरीदी है जो जल्द ही आम जनता के लियें शुरू कर दी जायेंगी ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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