श्योपुर। जिला मुख्यालय से 74 किलोमीटर दूर साढ़े तीन हजार की आबादी वाला आवदा गांव। यहां बालिकाओं की घटती संख्या और कुंवारों की बढ़ती आबादी से चिंतित आदिवासी महिलाओं की पंचायत ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर (बुधवार) एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। पंचायत में महिलाओं ने संकल्प लिया कि गर्भ में बालिका की हत्या करने वाले को गांव से बाहर निकाला जाएगा। साथ ही उसकी थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी।
गांव की सरपंच मुन्नी बाई ने बताया कि बालिकाओं की संख्या लगातार घट रही है। तीन साल पहले प्रति एक हजार लड़कों पर 942 बालिकाएं थी, लेकिन अब प्रति हजार पर 890 बालिकाएं बची हैं। भ्रूण हत्या की आए दिन खबरें आ रही हैं। गांव के दो सौ से अधिक युवा (25-30 वर्ष) शादी के इंतजार में उम्रदराज हो रहे हैं। शादी न होने से गांव में अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए पंचायत को कड़ा निर्णय लेना पड़ा।
लड़कियों की संख्या कम होती जाएगी तो हम अपने लिए बहू कहां से लाएंगे। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। सरकार के प्रयासों के साथ हमें भी समाज हित में कुछ करना पड़ेगा, तभी कुछ संभव है। इसलिए हमने भ्रूण हत्या के विरोध में यह कदम उठाया है।
-मुन्नी बाई, सरपंच, ग्राम पंचायत आवदा
गांव की सरपंच मुन्नी बाई ने बताया कि बालिकाओं की संख्या लगातार घट रही है। तीन साल पहले प्रति एक हजार लड़कों पर 942 बालिकाएं थी, लेकिन अब प्रति हजार पर 890 बालिकाएं बची हैं। भ्रूण हत्या की आए दिन खबरें आ रही हैं। गांव के दो सौ से अधिक युवा (25-30 वर्ष) शादी के इंतजार में उम्रदराज हो रहे हैं। शादी न होने से गांव में अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए पंचायत को कड़ा निर्णय लेना पड़ा।
लड़कियों की संख्या कम होती जाएगी तो हम अपने लिए बहू कहां से लाएंगे। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। सरकार के प्रयासों के साथ हमें भी समाज हित में कुछ करना पड़ेगा, तभी कुछ संभव है। इसलिए हमने भ्रूण हत्या के विरोध में यह कदम उठाया है।
-मुन्नी बाई, सरपंच, ग्राम पंचायत आवदा
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