जयपुर.एक बरसाती कीड़े के कारण शहर के कई इलाकों में लोग एलर्जी से परेशान हैं। इससे त्वचा पर खुजली व चकत्ते हो रहे हैं। एसएमएस अस्पताल में रोज 15 से 20 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। निजी अस्पतालों से भी ऐसी खबर मिली है।
प्रभावित इलाकों में तालकटोरा, शास्त्री नगर, जवाहर नगर, अमानीशाह नाला, हरमाड़ा घाटी, झालाना, जगतपुरा आदि शामिल हैं। पिछले साल तालकटोरा क्षेत्र में इसी कीड़े का प्रकोप हुआ था, जिसे काबू करने के लिए नगर निगम ने कीटनाशकों का छिड़काव किया। करीब एक सप्ताह पहले से आ रहे इन कीड़ों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
सिरसी रोड पर बृजराज एनक्लेव निवासी दिनकर मिश्रा, आयुष, महेंद्र पांडे आदि ने अपने शरीर पर चकत्ते दिखाते हुए बताया कि शुरू में वे समझे थे कि किसी और कारण से एलर्जी हो गई, लेकिन जब एक-एक कर कई घरों से ऐसी शिकायत मिली तो पता चला कि यह समस्या कीड़ों से हुई। एलर्जी से खुजली इतनी अधिक चल रही है कि रात को नींद भी नहीं आ रही।
लिट्टा बेसिकाटोरिया है कीड़ा
यह कीड़ा बारिश से पनप रहा है। इसके कारण ब्लिस्टर बीटल डर्मेटाइटिस नामक बीमारी को बोलचाल की भाषा में तेलन कहा जाता है। एसएमएस अस्पताल के चर्म रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. यूएस अग्रवाल ने बताया कि अचानक शरीर पर लाल चकत्ते और पानी से भरे हुए फफोले बन जाते हैं, जिनके फूटने पर पानी के जैसा तरल पदार्थ निकलता है।
शरीर के दूसरे हिस्से में लगते ही ये फिर से फफोले बन जाते हैं। अपशिष्ट पदार्थो में कैथेराडिन नामक पदार्थो की वजह से यह होता है। इस बीमारी के लक्षण हर्पीज जोस्टर से मिलते-जुलते हैं।
स्केबीज और नेत्र रोग के मरीज भी बढ़े
उमस बढ़ने के साथ खाज-खुजली (स्केबीज) के मरीज भी एसएमएस अस्पताल के चर्म रोग विभाग में लगातार आ रहे हैं। इस रोग में रात को तेज खुजली, हाथों की उंगलियों के बीच, कलाई और विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे दाने बन जाते है। चर्म रोग विभाग के डॉ. पुनीत भार्गव ने बताया कि समय पर उपचार नहीं लेने पर और ज्यादा खुजलाने पर दाने बड़े हो जाते हैं और जीवाणुओं का संक्रमण हो जाता है।
उधर, अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस के इस समय 25 से 30 मरीज आ रहे है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.मुकेश शर्मा ने बताया कि आई फ्लू एंटर या एडीनो वायरस से फैलता है।
चट कर गए पत्तियां
यहां एक बाड़े में लगे अरंडी के पेड़ों पर ही मुख्य रूप से यह कीड़े पनप रहे हैं। वे सभी पेड़ों की पत्तियां चट कर गए हैं। स्थानीय लोगों ने डीडीटी का भी छिड़काव किया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
प्रभावित इलाके तालकटोरा, शास्त्री नगर, जवाहर नगर, अमानीशाह नाला, हरमाड़ा घाटी, झालाना, जगतपुरा, सिरसी रोड
प्रभावित इलाकों में तालकटोरा, शास्त्री नगर, जवाहर नगर, अमानीशाह नाला, हरमाड़ा घाटी, झालाना, जगतपुरा आदि शामिल हैं। पिछले साल तालकटोरा क्षेत्र में इसी कीड़े का प्रकोप हुआ था, जिसे काबू करने के लिए नगर निगम ने कीटनाशकों का छिड़काव किया। करीब एक सप्ताह पहले से आ रहे इन कीड़ों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
सिरसी रोड पर बृजराज एनक्लेव निवासी दिनकर मिश्रा, आयुष, महेंद्र पांडे आदि ने अपने शरीर पर चकत्ते दिखाते हुए बताया कि शुरू में वे समझे थे कि किसी और कारण से एलर्जी हो गई, लेकिन जब एक-एक कर कई घरों से ऐसी शिकायत मिली तो पता चला कि यह समस्या कीड़ों से हुई। एलर्जी से खुजली इतनी अधिक चल रही है कि रात को नींद भी नहीं आ रही।
लिट्टा बेसिकाटोरिया है कीड़ा
यह कीड़ा बारिश से पनप रहा है। इसके कारण ब्लिस्टर बीटल डर्मेटाइटिस नामक बीमारी को बोलचाल की भाषा में तेलन कहा जाता है। एसएमएस अस्पताल के चर्म रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. यूएस अग्रवाल ने बताया कि अचानक शरीर पर लाल चकत्ते और पानी से भरे हुए फफोले बन जाते हैं, जिनके फूटने पर पानी के जैसा तरल पदार्थ निकलता है।
शरीर के दूसरे हिस्से में लगते ही ये फिर से फफोले बन जाते हैं। अपशिष्ट पदार्थो में कैथेराडिन नामक पदार्थो की वजह से यह होता है। इस बीमारी के लक्षण हर्पीज जोस्टर से मिलते-जुलते हैं।
स्केबीज और नेत्र रोग के मरीज भी बढ़े
उमस बढ़ने के साथ खाज-खुजली (स्केबीज) के मरीज भी एसएमएस अस्पताल के चर्म रोग विभाग में लगातार आ रहे हैं। इस रोग में रात को तेज खुजली, हाथों की उंगलियों के बीच, कलाई और विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे दाने बन जाते है। चर्म रोग विभाग के डॉ. पुनीत भार्गव ने बताया कि समय पर उपचार नहीं लेने पर और ज्यादा खुजलाने पर दाने बड़े हो जाते हैं और जीवाणुओं का संक्रमण हो जाता है।
उधर, अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस के इस समय 25 से 30 मरीज आ रहे है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.मुकेश शर्मा ने बताया कि आई फ्लू एंटर या एडीनो वायरस से फैलता है।
चट कर गए पत्तियां
यहां एक बाड़े में लगे अरंडी के पेड़ों पर ही मुख्य रूप से यह कीड़े पनप रहे हैं। वे सभी पेड़ों की पत्तियां चट कर गए हैं। स्थानीय लोगों ने डीडीटी का भी छिड़काव किया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
प्रभावित इलाके तालकटोरा, शास्त्री नगर, जवाहर नगर, अमानीशाह नाला, हरमाड़ा घाटी, झालाना, जगतपुरा, सिरसी रोड
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