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25 अगस्त 2012

उदय और अस्त होते सूर्य के सामने यह मंत्र बोल पूरी करें मन्नत



हिन्दू धर्म परंपराओं में रविवार का दिन सूर्य उपासना से जहां धार्मिक नजरिए से मन, वचन और कर्म के पापों का नाश करने वाला तो व्यावहारिक रूप से सुख, स्वास्थ्य, सफलता, यश, समृद्धि व धन की कामना को पूरा करने वाली भी मानी गई है। इसके लिए सूर्य के मंत्र विशेष का सूर्योदय व सूर्यास्त के वक्त बोलने का बड़ा महत्व बताया गया है। जानिए सूर्य मंत्र व सरल पूजा विधि -
- सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर सूर्य प्रतिमा या नवग्रह मंदिर में सूर्य को लाल चंदन, लाल फूल व गुड़ या गुड़ से बना पकवान का प्रसाद चढ़ाएं।
- नीचे लिखे सूर्य मंत्र का यथाशक्ति लाल आसन पर बैठ सफलता व यश की कामना से ध्यान करें व आरती करें -
नमस्ते वेदरूपाय अहोरूपाय वै नम:।
नमस्ते ज्ञानरूपाय यज्ञाय च नमो नम:।।
प्रसीदास्मासु देवेश भेतेश किरणोज्जवल।
संसारार्णवमग्रानां प्रसादं कुरु गोपते।।
- शाम के वक्त भी ढलते सूर्य की पूजा कर देव मन्दिर मे इस सूर्य मंत्र का ध्यान करें।

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