दमा या अस्थमा एक लाइलाज बीमारी है। ये रोग सांस नलिकाओं को प्रभावित करता है। जब इन नलिकाओं की भीतरी दीवार में सूजन होता है। यह सूजन नलिकाओं को बेहद संवेदनशील बना देता है और किसी ऐसी चीज जिससे एलर्जी हो वह स्पर्श से यह तीखी प्रतिकिया करता है। जब नलिकाएं प्रतिक्रिया करती हैं, तो उनमें संकुचन होता है और उस स्थिति में फेफड़े में हवा की कम मात्रा जाती है।
लक्षण-खांसी, नाक बजना, छाती का कड़ा होना।
- रात और सुबह में सांस लेने में तकलीफ।
- साँस लेने में कठिनाई।
- सीने में जकडऩ।
- लगातार खांसी बने रहना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
परहेज करें इन चीजों से- गरिष्ट भोजन से बचें।
- तला हुआ खाना अस्थमा को बढ़ाता है।
- अदरक, तुलसी का पानी फायदेमंद होता है।
- तनाव से भी बचना जरूरी है।
घरेलू उपाय- अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मैथी के काढ़े और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएं। दमे के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाजवाब साबित होता है। मैथी का काढ़ा तैयार करने के लिए एक चम्मच मैथीदाना और एक कप पानी उबालें। हर रोज सबेरे-शाम इस मिश्रण का सेवन करने से निश्चित लाभ मिलता है।
- दमे आमतौर पर एलर्जी के कारण भी होता है। ऐसे में एलर्जी को नियंत्रित करने के लिए दूध में हल्दी डालकर पीनी चाहिए।
- नींबू पानी दमे के दौरे को नियंत्रित करता है। खाने के साथ प्रतिदिन दमे रोगी को नींबू पानी देना चाहिए।
- आंवला खाना भी ऐसे में अच्छा रहता है। आंवले को शहद के साथ खाना तो और भी अच्छा है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 अगस्त 2012
जब दिखे ये लक्षण समझो हो गई है ये लाइलाज बीमारी...
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