पुरुषोत्तम मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कमला एकादशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इसे पद्मिनी एकादशी भी कहते हैं। अधिक मास के स्वामी स्वयं भगवान पुरुषोत्तम है इसलिए इस एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस बार यह एकादशी 27 अगस्त, सोमवार को है।
इसका महत्व स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था। उसके अनुसार इस एकादशी के व्रत से मनुष्य विष्णुलोक को जाता है। यह अनेक पापों को नष्ट करने वाली तथा मुक्ति और भक्ति प्रदान करनेवाली है। जो मनुष्य विधिपूर्वक भगवान की पूजा तथा व्रत करते हैं, उनका जन्म सफल होता है और वे इस लोक में अनेक सुखों को भोगकर अन्त में भगवान विष्णु के परम धाम को जाते हैं।
इस एकादशी की एक विशेषता यह भी है कि इस दिन राधा-कृष्ण के साथ ही पार्वती व महादेव की भी पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस एकादशी के दिन कांसे के पात्र में भोजन, मसूर की दाल, चना, कांदी, शहद, शाक, कंदमूल, पराया अन्न व फल आदि ग्रहण नहीं करना चाहिए। इस दिन भोजन में नमक का प्रयोग भी न करें।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 अगस्त 2012
कमला एकादशी : जानिए, क्यों विशेष है ये व्रत
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खरगोश का संगीत राग रागेश्री
जवाब देंहटाएंपर आधारित है जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन
राग है, स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं,
पंचम इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें
अंत में पंचम का प्रयोग
भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
..
हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने दिया है.
.. वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.
..
My blog post : फिल्म