मोदी यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, 'अगर मां अपनी बेटी से कहती है कि दूध पियो, तो इसे लेकर दोनों में झगड़ा होता है। बेटी अपनी मां से कहती है, मैं दूध नहीं पिऊंगी क्योंकि मैं मोटी हो जाऊंगी। हमें इसमें बड़ा बदलाव लाना होगा। इस मामले में भी गुजरात एक आदर्श राज्य बनेगा। मैं कोई बड़ा दावा नहीं करूंगा क्योंकि मेरे पास कोई सर्वे रिपोर्ट नहीं है।'
इस बयान पर मोदी को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और डुमरियागंज लोकसभा सीट से संसद सदस्य जगदंबिका पाल ने कहा है कि लोगों को खाने को नहीं मिल रहा है और मोदी ऐसे बयान दे रहे हैं। गुजरात प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी मोदी की तीखी आलोचना की है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने मोदी के बयान की आलोचना करते हुए कहा, 'महिलाएं परिवार का पेट भरने के लिए खुद भूखी रहती हैं। यह किसी प्रशासक का बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान है। मुझे उम्मीद है कि गुजरात की महिलाएं इसका विरोध करेंगी।'
2002 के गुजरात दंगों ( को लेकर जब उनसे पूछा गया कि वे माफी क्यों नहीं मांगते तो उन्होंने कहा कि माफी तभी मांगी जाती है जब कोई अपराध किया गया हो। इस तरह के इंटरव्यू के जरिए अपनी छवि सुधारने की कोशिश के आरोप के जवाब में गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर मैं अपनी छवि सुधारना चाहता तो बीते 10 सालों में ऐसे 10 हजार इंटरव्यू दे चुका होता। मैंने कोई गलती नहीं की है कि मुझे अपनी छवि सुधारनी पड़े। मैं जो हूं, वह पूरी दुनिया के सामने है।'
क्या आप खुद को भविष्य के प्रधानमंत्री के तौर पर देखते हैं? इस सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, 'मैं न तो बीते हुए कल और न ही भविष्य के पागलपन का भार ढोता हूं। मैं वर्तमान में जीता हूं। मेरा वर्तमान मेरा गुजरात, उसके 6 करोड़ लोग, गांव, गरीब किसान और बच्चे हैं। मुझे उनकी किस्मत बदलनी है। मैं उससे आगे की नहीं सोचता।'
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