शास्त्रों के मुताबिक जगतपालक भगवान विष्णु का स्वरूप सौम्य व सात्विक यानी कोमल व सरल है। यही वजह है कि वर्तमान में चल रहे अधिकमास में सांसारिक नजरिए से भगवान विष्णु की उपासना सुख, आनंद, प्रेम, शांति के साथ शक्ति देने वाली मानी गई है।
धार्मिक परंपराओं में तरह-तरह की पूजा सामग्रियों से विष्णु पूजा के विधि-विधान बताए गए हैं। किंतु यहां बताई जा रही भगवान विष्णु की एक ऐसी पूजा जिसमें न किसी पूजा सामग्री की जरूरत होती है, न ही किसी प्रतिमा की।
भगवान विष्णु की यह पूजा मन के भावों से की जाती है। इसे मानस पूजा भी कहते हैं। खासतौर पर अधिकमास (18 अगस्त से शुरू) में मानस पूजा का फल पूजा सामग्रियों से की गई पूजा से भी शुभ और ज्यादा माना गया है। इस पूजा में कोई भी व्यक्ति मन के भावों से जितनी चाहे जितनी मात्रा में और अच्छी पूजा सामग्रियां भगवान विष्णु को चढ़ा सकता है। इसमें भावनाएं ही अहम होतीं हैं। तस्वीरों के साथ जानिए ऐसी ही अद्भुत विष्णु मानस पूजा का सरल उपाय, जिसमें भगवान की मूर्ति या पूजा सामग्रियां होना जरूरी नहीं है -
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