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24 अगस्त 2012

चाय से भी दूर हो सकता है कैंसर जानिए, कैसे?


क्या आप जानते हैं चाय आपको कैंसर से मुक्ति दिलवा सकती है। जी हाँ, यह शोध प्रमाणित सत्य है लेकिन ये चाय को ऐसी वैसी चाय नहीं, जिसे हम और आप रोज पीते हैं ये तो एक हर्बल चाय है, जो हमें कैंसर से लडऩे में मददगार सिद्ध होती है। ये बात हम नहीं शोधकर्ता कह रहे हैं हिंदी में धमासा,अंग्रेजी में वर्जिन मेटल और लेटिन में के नाम से मिलनेवाली जडी के फूलों से बनायी गई हर्बल चाय का प्रयोग पाकिस्तान में स्तन कैंसर से लडऩे के लिए पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता रहा है । यह पौधा भारत,पाकिस्तान ,अफ्रीका और यूरोप के कुछ भागों में मिलता है। एस्टोन विश्वविद्यालय बिर्मिन्गम के वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस वनस्पति में एक तीव्र कैंसर रोधी तत्व का पता लगाया है, जो कैंसर कोशिकाओं के शरीर में फैलने को रोकता है। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह पाया है कि इसमें पाए जानेवाले सक्रिय तत्व के प्रयोग से कैंसर कोशिकाओं के पांच से भी कम घंटे में वृद्धि रुक जाती है और चौबीस से भी कम घंटे में मृत्यु हो जाती है।

वैज्ञानिक हेलीन ग्रेफिथ का कहना है कि इस जड़ी से बनाई गई। चाय अन्य कीमोथेरेपयूटिक एजेंट से बेहतर काम करती है और सामान्य कोशिकाओं को नुकसान भी नहीं पहुंचाती है। पाकिस्तान में स्तन कैंसर से जूझ रही महिलाओं में इस चाय के प्रयोग से डायरिया,बालों का झडऩा तथा ब्लड काउंट का कम होना जैसे साइड इफेक्ट नहीं पाए गए हैं। इस जड़ी में पाए जाने वाले सक्रिय तत्व से युक्त चाय कैंसर पीडि़त रोगी के डी.एन.ए. स्तर पर काम करती है और इसमें आयी गड़बड़ियों को दूर करती है। पाकिस्तान के उत्तरी लाहोर से एक सौ मील की दूरी पर स्थित एक अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक प्रोफेसर कार्मिकल इस जड़ी से बनी चाय का प्रयोग लगभग चालीस वर्षों से स्तन कैंसर पीडि़त रोगियों में कर रहे हैं। इस चाय के कैंसर रोधी प्रभाव का विस्तृत अध्ययन जर्नल प्लस वन में प्रकाशित हुआ है।अब शीघ्र ही इस जड़ी में पाए जानेवाले तत्व के अन्य सेफ्टी टेस्ट कर इसे दवा के रूप में बाजार में लाने की तैयारी की जा रही है।

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