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09 अगस्त 2012

यह रोचक बात करे साफ कि रासलीला है भोग नहीं योग लीला

भगवान श्रीकृष्ण लीला पुरुषोत्त्तम कहलाते हैं। क्योंकि पूरे जीवन की गई श्रीकृष्ण की लीलाओं में कोई लीला मोहित करती है तो कोई अचंभित करती है। लेकिन हर लीला जीवन से जुड़े कोई न कोई बेहतरीन संदेश देती है।

भगवान श्रीकृष्ण की सभी लीलाओं में रासलीला के कई पहलू एक ओर श्रद्धा व आस्था तो दूसरी तरफ उत्सुकता और जिज्ञासा का विषय भी रहे हैं। किंतु युग के बदलाव, धर्म की गहरी समझ की कमी और बदलती संस्कृति व संस्कारों से पैदा हुई गलत मानसिकता की वजह से रासलीला शब्द को लंपटता या गलत अर्थ में उपयोग किया जाता है। खासतौर पर स्त्रियों से संबंध रखने और उनके साथ रखे जाने वाले व्यवहार के लिए रासलीला के आधार पर अनेक युवा भगवान कृष्ण को आदर्श बताने का अनुचित प्रयास करते हैं।

इसलिए यहां तस्वीर के साथ बताए जा रहे एक रोचक पहलू से खासतौर पर युवा समझ्रें कि रासलीला से जुड़ा व्यावहारिक सच क्या है

1 टिप्पणी:

  1. आज से मैने रासलीला का ही वर्णन शुरु किया है जिसके अध्यात्मिक पहलू से सभी रु-ब-रु हो सकते हैं मेरे एक प्रयास ब्लोग पर्……………श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामनाएं..

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