नई दिल्ली.कोयला आवंटन घोटाले को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पर बवाल मचा हुआ है। नीलामी के जरिए कोयला खदानों के आवंटन न होने और मनमाने आवंटन की वजह से सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया है। लेकिन सीएजी रिपोर्ट के सामने आने के बाद तीखी आलोचना का सामना कर रही केंद्र सरकार ने अपने बचाव में कहा है कि सीएजी संविधान में उनके लिए दिए गए दायरे में काम नहीं कर रहे हैं और उन्हें सरकार की नीतियों पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। इस बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायण सामी ने बीते शनिवार को कहा था, 'सीएजी के पास सरकार की नीतियों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएजी ने सरकार के इस अधिकार पर टिप्पणी की है, जो पूरी तरह से गैरजरूरी था। यह सरकार को मिले जनादेश के भी खिलाफ है।' केंद्र सरकार ने 1.76 करोड़ रुपये के 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की रिपोर्ट सामने आने पर भी ऐसी ही बातें की थीं।
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