आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

21 अगस्त 2012

भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी लस्सी, दुनिया की शीर्ष कोल्ड ड्रिंक को देगी चुनौती



करनाल. वैज्ञानिकों ने अब ऐसी काबरेनेटिड लस्सी तैयार की है, जो कोल्ड ड्रिंक का स्वाद देगी। इस लस्सी में कैलोरी की मात्रा सामान्य मीठी लस्सी की अपेक्षा करीब 35 प्रतिशत कम है जिससे की शुगर, किडनी व न्यूरो पेसेंट के लिए लाभदायक है। इसे पेटेंट करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पेटेंट के बाद लस्सी बनाने की तकनीक किसी कंपनी को दी जाएगी। इसके बाद यह मार्केट में आ जाएगी।



वैज्ञानिकों ने कैसे किया तैयार : राष्ट्रीय डेयरी (एनडीआरआई) के निदेशक डा. एके श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम ने इस लस्सी को तैयार किया है। वैज्ञानिक डा. सुधीर तोमर ने बताया कि उन्होंने इस लस्सी को तैयार करने में मेनीटोल बनाने वाले बैक्टीरिया ल्युकोनोस्टॉक को ट्रेस किया। उन्होंने दही से ल्युकोनोस्टॉक को कल्चर किया और इससे लस्सी तैयार की। वैज्ञानिकों ने लस्सी बनाने से पहले चीनी भी डाली। इस बैक्टीरिया ने चीनी को मेनीटोला व कार्बनडाईऑक्साइड में बदल दिया। इससे लस्सी में कैलोरी की मात्रा करीब 35 प्रतिशत कम हो गई। इस लस्सी में कार्बनडाईऑक्साइड जीवाणुओं द्वारा प्राकृतिक रूप से पैदा की गई, जबकि कोल्ड ड्रिंक में पैकिंग के दौरान यह गैस डाली जाती है।

क्या है मेनीटोल : मेनीटोल एक बेवरेज (जैसे कोकाकोला) है, जिसमें कार्बनडाईआक्साइड को घोला जाता है। इससे बोतल खोलते ही बुलबुले निकलते हैं। मेनीटोल लो कैलोरी शुगर वाली दवाओं में प्रयोग होता है, जोकि पौधों में मिलता है। यह कुछ मात्रा में फलों व सब्जियों में भी पाया जाता है। इसका ज्यादा प्रयोग फूड, दवा व केमिकल इंडस्ट्री में किया जाता है। इसमें चीनी से करीब 50 प्रतिशत कम मीठा होता है। मेनीटोल कैलोरी की मात्रा को घटाता है। सामान्य चीनी में कैलोरी चार किलो कैलोरी प्रति ग्राम होती है, जबकि मेनीटोला में यह मात्र 1.6 किलो कैलोरी प्रति ग्राम है। इस कारण मेनीटोला से शुगर फ्री च्यूइंग गम, सख्त व नरम कैंडी, फ्लेवर्ड जैम व जैली, कनफेक्शनरी का समान व खांसी की टॉफी बनाई जाती है।

वजन कंट्रोल रखने में भी मददगार

आमतौर पर यह देखा गया है कि बच्चे कोल्ड ड्रिंक अधिक पीते हैं, क्योंकि कोल्ड ड्रिंक की गैस उनकी नाक को अच्छी फील देती है। चूंकि इस लस्सी में कार्बनडाईऑक्साइड है, इसलिए यह लस्सी बच्चों को कोल्ड ड्रिंक का स्वाद देगी। इस कारण यह बच्चों को भी अधिक पसंद भी आएगी। इसके अलावा जो लोग वजन कंट्रोल करने की चाहत रखते हैं, लेकिन मीठी लस्सी व कोल्डड्रिंक अधिक पीते हैं। ऐसे में उनका वजन कंट्रोल नहीं हो पाता है। इस लस्सी को पीने से उनकी यह चाहत भी पूरी होगी, क्योंकि इस लस्सी में शुगर कम होने के कारण इससे जरूरत से ज्यादा कैलोरी बॉडी को नहीं मिलेगी। लस्सी में मेनीटोला होने के कारण यह स्वादिष्ट भी है।


पेटेंट की तैयारी

लस्सी को पेटेंट करवाने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसे पेटेंट करवाकर मार्केट में लाने का प्रयास किया जाएगा। इस लस्सी को पीने के बाद व्यक्ति को कोल्ड ड्रिंक का टेस्ट आएगा। इसे शुगर पेसेंट आसनी से पी सकेंगे। -डा. एके श्रीवास्तव, निदेशक एनडीआरआई करनाल।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...