तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 अगस्त 2012
सरकार का भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्रियों के मामले में रुख साफ़ नहीं ..चिदम्बरम के स्थान पर शिंदे को लाकर सरकार दो कदम पीछे हटी
देश के पन्द्राह भ्रष्ट मंत्रियों के विरुद्ध प्रमाणित अपराध होने का दावा कर उन्हें हटाने की मांग पर अड़े अन्ना और उनकी टीम ने चिदम्बरम को गृहमंत्रालय से हटवाकर एक लड़ाई तो जीत ली है लेकिन मिडिया ने इसको खबर नहीं बनाई है इससे लगता है के मिडिया को इस मामले में पहले से ही फील गुड करवाया गया है ...............सभी जानते है के सरकार को अन्ना और उनकी टीम ने कई बार भ्रष्ठ मंत्रियों का लिखा जोखा दिया है उनके नाम दिए है लेकिन सरकार इन आरोपों की जाँच मामले में टस से मस नहीं हुई है ..सरकार के मंत्री चोर है या इमानदार इस मामले में सरकार ने अब तक कोई अधिक्रत बयान नहीं दिया है केवल यह कहना के अख़बार की कतरनों के आधार पर जाँच नहीं हो सकती यह साबित करता है के सरकार मामला टाल रही है और अख़बार की कतरनों को कचरा मान रही है ..अगर सरकार को भरोसा है के उसके मंत्री चोर और भ्रष्ठ नहीं है तो सरकार को सीना ठोक कर बयान जारी करना चाहिए के हमारे मंत्री चोर नहीं है वोह बेदाग़ है लेकिन सरकार न जाने क्यूँ अब तक यह हिम्मत नहीं जुटा पाई है ..दूसरी बात जेसे ही अन्ना का अनशन शुरू हुआ अचानक पी चिदम्बरम जिससे अन्ना सबसे नाराज़ है उन्हें गृह मंत्रालय से हटा कर वित्त मंत्री बनाया और सुशिल कुमार शिडे को गृह मंत्री बनाया यह एक मामूली सा फेर बदल चाहे सामने घटना हो चाहे मिडिया ने इसे फीलगुड फेक्टर के तहत नज़र अंदाज़ किया हो लेकिन यह सच है के अन्ना के आगे सरकार ने थोडा झुक कर यह कदम उठाया है ..इसके पीछे सरकार की चाहे जो रणनीति हो लेकिन यह साफ है के सरकार पी चिदम्बरम को लेकर कोई सीधा टकराव नहीं चाहती .........अब सरकार चाहे मिडिया में खुद को सख्त होने का वातावरण बनाने की खबरें प्रचारित करे लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ अहिंसात्मक अनशन देश में पहली बार इस बड़े पैमाने पर है और सरकार ने भी अब तक आरोपी मंत्रियों के बेदाग होने के बारे में कोई श्वेत पत्र या क्लीन चीत वाला अधिक्रत वाला बयान जारी नहीं किया है और यही गलती सरकार को किसी परेशानी में डालने के लियें काफी है खेर देखते है भ्रष्टाचार मामले भ्रष्ट लोग और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे लोगों में से जीत किसकी होती है वेसे आज तक भ्रष्टाचार का रावन ही जीता है राम तो केवल एक दिन जीतता है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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